आकाश आनंद के ससुर अशोक सिद्धार्थ की BSP में वापसी, मायावती ने किया माफ, कहा- पार्टी में वापस लिया जाता है

    उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है, लेकिन इस बार वजह टकराव नहीं, बल्कि सुलह है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) में लंबे समय से नाराज़ चल रहे पूर्व सांसद डॉ. अशोक सिद्धार्थ ने पार्टी सुप्रीमो मायावती से सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है.

    Akash Anand father-in-law Ashok Siddharth apologizes publicly Mayawati forgives rejoins BSP
    Image Source: ANI/ Social Media

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गर्मा गई है, लेकिन इस बार वजह टकराव नहीं, बल्कि सुलह है. बहुजन समाज पार्टी (BSP) में लंबे समय से नाराज़ चल रहे पूर्व सांसद डॉ. अशोक सिद्धार्थ ने पार्टी सुप्रीमो मायावती से सार्वजनिक रूप से माफी मांग ली है. खास बात यह रही कि मायावती ने न सिर्फ माफ किया, बल्कि उन्हें पार्टी में दोबारा शामिल भी कर लिया. शनिवार को डॉ. अशोक सिद्धार्थ ने सोशल मीडिया पर एक विस्तृत पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि उनसे जाने-अनजाने या किसी के बहकावे में आकर कुछ गलतियां हो गईं, जिसके लिए वे शर्मिंदा हैं और पार्टी प्रमुख मायावती से माफी मांगते हैं.

    मायावती ने अशोक सिद्धार्थ को किया माफ

    डॉ. सिद्धार्थ के माफीनामे के कुछ ही घंटों बाद, मायावती ने भी एक्स के माध्यम से प्रतिक्रिया दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि सिद्धार्थ की माफी को स्वीकार करते हुए उन्हें पार्टी में दोबारा शामिल किया जा रहा है. यह न केवल एक राजनीतिक समझदारी, बल्कि संगठनात्मक मजबूती की दिशा में भी अहम कदम माना जा रहा है. 

    उन्होंने कहा, “बीएसपी के कई जिम्मेदार पदों पर लंबे समय से कार्यरत रहे और पूर्व राज्यसभा सांसद अशोक सिद्धार्थ, जिन्हें कुछ महीने पहले पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, ने आज सार्वजनिक तौर पर माफी मांग ली और उनके निष्कासन के फैसले को रद्द करते हुए फिर से पार्टी में शामिल कर लिया गया है.

    BSP के कद्दावर नेता थे अशोक सिद्धार्थ

    डॉ. अशोक सिद्धार्थ, BSP के राष्ट्रीय संयोजक और मायावती के भतीजे आकाश आनंद के ससुर हैं. कुछ महीनों पहले आकाश आनंद को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया था. लेकिन सार्वजनिक क्षमा याचना के बाद उन्हें पार्टी में न सिर्फ वापस लिया गया, बल्कि अहम जिम्मेदारी भी दी गई. हालांकि, उस समय भी मायावती की नाराजगी डॉ. सिद्धार्थ के साथ बनी रही थी. 

    कभी मायावती के करीबी सलाहकार माने जाने वाले अशोक सिद्धार्थ की BSP में स्थिति बेहद मजबूत मानी जाती थी. पार्टी संगठन और राज्यसभा में उनकी भूमिका प्रभावशाली रही है. लेकिन 12 जनवरी 2025 को उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था, जिसके बाद से उनके और मायावती के संबंधों में दरार आ गई थी.

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