नई दिल्ली: देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों में से एक एयरटेल (Airtel) की सेवाएं एक बार फिर बाधित हो गई हैं. बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, और अन्य महानगरों समेत देश के कई हिस्सों में लाखों यूजर्स नेटवर्क सिग्नल, इंटरनेट कनेक्टिविटी और कॉलिंग से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. यह स्थिति पिछले एक सप्ताह में दूसरी बार सामने आई है, जिससे ग्राहकों में असंतोष गहराता जा रहा है.
लगातार दूसरी बार डाउन हुई एयरटेल की सेवा
एयरटेल की सेवाएं इससे पहले भी 18 अगस्त 2025 को बड़े स्तर पर प्रभावित हुई थीं. उस दौरान भी देशभर के यूजर्स ने कॉल ड्रॉप, मोबाइल डेटा बंद होने और नेटवर्क गायब होने जैसी शिकायतें दर्ज करवाई थीं.
रियल टाइम वेबसाइट "डाउन डिटेक्टर" के अनुसार, 24 अगस्त को सुबह 11 बजे के बाद से एयरटेल यूजर्स ने मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट और कॉलिंग सेवाओं में समस्या की रिपोर्ट करनी शुरू की.
शिकायतों की संख्या और प्रभावित सेवाएं
दोपहर 12:05 बजे तक, डाउन डिटेक्टर पर करीब 7,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गईं. इनमें शिकायत करने वाले यूजर्स की समस्याएं इस प्रकार थीं:
इन आंकड़ों से साफ है कि समस्या सीमित नहीं थी, बल्कि कई क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर यूजर्स प्रभावित हुए.
एयरटेल का बयान: "थोड़ी देर बाद ठीक हो जाएगी समस्या"
एयरटेल ने इस मुद्दे पर एक संक्षिप्त बयान जारी करते हुए कहा है, "हमें खेद है कि कुछ ग्राहकों को अस्थायी कनेक्टिविटी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. हमारी टीम इस पर काम कर रही है और उम्मीद है कि एक घंटे के भीतर सेवाएं सामान्य हो जाएंगी. कृपया कुछ समय बाद अपने मोबाइल डिवाइस को रीस्टार्ट करें."
हालांकि, कंपनी ने इस परेशानी के ठोस कारण या तकनीकी विवरण के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी है.
सस्ते प्लान्स भी हुए बंद, ग्राहकों में नाराजगी
तकनीकी समस्याओं के साथ-साथ एयरटेल ने हाल ही में अपने सबसे सस्ते प्रीपेड प्लान को भी बंद कर दिया है, जिससे ग्राहकों की नाराजगी और बढ़ गई है.
20 अगस्त 2025 को एयरटेल ने ₹249 वाले 1GB डेली डेटा प्लान को बंद कर दिया. यह प्लान 28 दिन की वैधता के साथ आता था, जिसमें अनलिमिटेड कॉलिंग और 100 SMS प्रति दिन मिलते थे.
अब कंपनी का सबसे सस्ता डेली डेटा प्लान ₹299 से शुरू होता है, जिसमें 1.5GB प्रतिदिन डेटा और 28 दिन की वैधता है. ऐसे में यूजर्स को न केवल नेटवर्क की समस्या झेलनी पड़ रही है, बल्कि जेब पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है.
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