पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के तेवर सख्त हैं और पाकिस्तान की धड़कनें तेज़. देश के भीतर से लेकर सीमा पार तक, सबकी नजरें एक बार फिर भारत की संभावित एयरस्ट्राइक पर टिकी हैं. चर्चा है कि अगर इस बार भारत ने एक्शन लिया, तो वह बालाकोट से भी ज़्यादा खतरनाक हो सकता है.
2019 का पुलवामा हमला और उसके जवाब में भारत द्वारा की गई एयरस्ट्राइक—इन घटनाओं की यादें पाकिस्तान को फिर से सताने लगी हैं. इस बार पहलगाम में टारगेट किलिंग के बाद मोदी सरकार ने न सिर्फ पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं, बल्कि कूटनीतिक मोर्चे पर भी बड़ा झटका दिया है.
पाकिस्तान में खलबली: सेना से लेकर सरकार तक सब अलर्ट पर
जैसे ही भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित करने और अटारी बॉर्डर को बंद करने की घोषणा की, पाकिस्तान के सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया. पाक रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को चेतावनी दी है कि “अगर हमला हुआ, तो जवाब भी ज़रूर मिलेगा.” हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि सिंधु जल संधि एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है और इसमें भारत का एकतरफा फैसला मान्य नहीं होगा.
NSC की आपात बैठक, सीमाओं पर हाई अलर्ट
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार सुबह राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की आपात बैठक बुलाई है. यह पाकिस्तान के लिए सबसे अहम रणनीतिक संस्था मानी जाती है, जिसमें सेना प्रमुख से लेकर खुफिया प्रमुख तक शामिल रहते हैं.
पाकिस्तानी सेना की 10 Corps, जो पूरे PoK की जिम्मेदारी संभालती है, ने सीमा पर सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. मिलिट्री मूवमेंट भी अब साफ दिखाई दे रहा है.
राजनीतिक दलों ने दिखाई 'एकजुटता', डर फिर भी कायम
हालात इतने तनावपूर्ण हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी PTI के वरिष्ठ नेता चौधरी फवाद हुसैन तक मैदान में उतर आए हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन भारत के हमले की स्थिति में पूरा पाकिस्तान एकजुट होकर जवाब देगा."
पूर्व राजनयिक अब्दुल बासीत ने भी बयान दिया है कि भारत की ओर से आने वाला जवाब बालाकोट से कहीं बड़ा हो सकता है और यह केवल चेतावनी नहीं, एक ठोस कार्रवाई होगी. बासीत ने कहा, “इस समय मैं देख रहा हूं कि कुछ दिनों के बाद बालाकोट से भी बड़ी एयर स्ट्राइक की जाएगी, यहां बात नहीं रूकेगी भारत कोई न कोई एक्शन पाकिस्तान के खिलाफ लेगा."
भारत की रणनीति स्पष्ट है – इस बार न सिर्फ सीमा पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान को घेरना है. हर मोर्चे पर भारत के फैसलों से यह संकेत मिल रहा है कि अब आतंक के खिलाफ कार्रवाई में कोई ढील नहीं दी जाएगी.
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