'भारत ने 50 से कम हथियार दागे, पाकिस्तान इतने में ही घबरा गया', एयर मार्शल ने बताई ऑपरेशन सिंदूर की कहानी

    भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किए गए सैन्य अभियानों पर कुछ महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं.

    Air Marshal told the story of Operation Sindoor
    प्रतिकात्मक तस्वीर/ Sociel Media

    नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किए गए सैन्य अभियानों पर कुछ महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान को युद्धविराम की मेज पर लाने के लिए भारतीय वायुसेना ने 50 से भी कम हथियार दागे. यह एक ऐसा कदम था, जिसने पाकिस्तान को मजबूर कर दिया और वह सीजफायर की गुहार लगाने तक पहुंच गया. एनडीटीवी डिफेंस समिट में दिए गए बयान में एयर मार्शल ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने अपने आक्रामक रणनीतियों का सही तरीके से इस्तेमाल किया, जिसका असर पाकिस्तान पर सीधा पड़ा.

    पाकिस्तानी सेनाओं को भेजा कड़ा संदेश

    एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में केवल 50 से कम हथियारों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन यह संख्या भी पाकिस्तान को घबराने के लिए काफी थी. उन्होंने कहा, “हमारे पास बहुत सारे टारगेट थे, लेकिन अंत में हम केवल 9 टारगेट पर ध्यान केंद्रित करने में सफल हुए. हालांकि, हमें इस बात का ध्यान रखना था कि युद्ध के बाद स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रित किया जा सके और सैन्य तैनाती को बनाए रखा जाए, ताकि किसी भी संभावित संकट के लिए तैयार रहा जा सके.”

    इस ऑपरेशन का मुख्य उद्देश्य यह था कि पाकिस्तान को एक मजबूत संदेश दिया जाए कि भारत अपनी सीमाओं और सुरक्षा के प्रति पूरी तरह से सजग है, और पाकिस्तान को भविष्य में किसी भी प्रकार के हमलों की हिम्मत न हो. एयर मार्शल ने आगे कहा, "युद्ध शुरू करना आसान है, लेकिन उसे खत्म करना उतना ही मुश्किल होता है. इसीलिए हमारी पूरी रणनीति इस बात को ध्यान में रखकर बनाई गई थी कि जल्द से जल्द युद्धविराम लाकर स्थिति को स्थिर किया जाए."

    सीजफायर की गुहार

    22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय वायुसेना और सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की थी. 7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया. इसके बाद पाकिस्तान के डीजीएमओ (डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस) ने भारत के डीजीएमओ से तत्काल सीजफायर की मांग की थी. यह दर्शाता है कि भारतीय सेना ने जिस तरह से अपने रणनीतिक कदम उठाए, उसने पाकिस्तान को युद्धविराम की दिशा में मजबूर कर दिया.

    सैन्य निर्देश और रणनीति

    एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों को दिए गए निर्देश तीन मुख्य बिंदुओं पर आधारित थे. पहला, दुश्मन के खिलाफ हर कार्रवाई को सख्त और दंडात्मक तरीके से अंजाम दिया जाए. दूसरा, पाकिस्तान को ऐसा संदेश दिया जाए कि भविष्य में किसी भी प्रकार के हमलों के लिए उसे हिम्मत न हो. और तीसरा, भारतीय सशस्त्र बलों को पूरी परिचालन स्वतंत्रता दी जाए, ताकि किसी भी तरह की स्थिति में उनकी प्रतिक्रिया त्वरित और प्रभावी हो सके.

    इसके अतिरिक्त, एयर मार्शल ने यह भी बताया कि इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय वायुसेना के पास आक्रामक और रक्षात्मक दोनों प्रकार की रणनीतियाँ थीं. खास बात यह थी कि वायुसेना के लिए ऑपरेशन को सफल बनाने में इंटीग्रेटेड एयर कमांड और कंट्रोल सिस्टम (IACCS) की भूमिका अहम रही.

    IACCS की भूमिका

    एयर मार्शल ने IACCS की भूमिका को विशेष रूप से सराहा. उन्होंने कहा कि यह सिस्टम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेनाओं की रीढ़ साबित हुआ. IACCS की मदद से भारत ने न केवल पाकिस्तानी हमलों का सामना किया, बल्कि पाकिस्तान को करारा जवाब भी दिया. इस प्रणाली के कारण भारतीय वायुसेना ने शुरुआती हमलों को आसानी से नाकाम किया और पाकिस्तान को घेरने की स्थिति में आ गई. इस सबका परिणाम यह हुआ कि पाकिस्तान तनाव कम करने के लिए तैयार हो गया और उसे युद्धविराम की आवश्यकता महसूस हुई.

    पाकिस्तान के जेट्स और एयरक्राफ्ट

    इससे पहले, भारतीय एयरफोर्स के चीफ एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के पांच जेट विमानों को गिराने का खुलासा किया था. इसके अलावा, एक सर्विलांस एयरक्राफ्ट को लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से मार गिराया गया. यह हिटिंग रिकॉर्ड अभी तक का सबसे लंबा और सटीक हमला था. इससे भारतीय वायुसेना की क्षमता और पाकिस्तान के खिलाफ भारत की रणनीतिक मजबूती को स्पष्ट रूप से दिखाया गया.

    क्या सीजफायर से युद्ध खत्म हो गया?

    हालांकि पाकिस्तान ने सीजफायर की मांग की, लेकिन भारतीय सैन्य नेतृत्व के लिए यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण था कि पाकिस्तान इस अनुभव से कोई सीख ले और भविष्य में ऐसे कदम न उठाए. एयर मार्शल ने कहा कि इस ऑपरेशन के दौरान हमारी सेनाओं को यह निर्देश दिए गए थे कि युद्ध के दौरान सक्रिय रहना और किसी भी स्थिति में तैयार रहना चाहिए. इसका मतलब यह था कि भारतीय सेना और वायुसेना दोनों को हर पल तैयार रहना था, ताकि किसी भी प्रकार के अप्रत्याशित खतरे का सामना किया जा सके.

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