पाकिस्तान में हर 15 साल में मचेगी तबाही, AI ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी, बाढ़ और सूखे से टूटेगी कमर

    पाकिस्तान, भारत का पड़ोसी देश, एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की एक चौंकाने वाली भविष्यवाणी. AI ने चेतावनी दी है कि आने वाले वर्षों में पाकिस्तान को हर 15 साल में भीषण बाढ़ और हर 11 साल में भयंकर सूखे का सामना करना पड़ सकता है.

    AI Model Predicts Super Floods and Droughts in Pakistan s Future
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    पाकिस्तान, भारत का पड़ोसी देश, एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार वजह है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की एक चौंकाने वाली भविष्यवाणी. AI ने चेतावनी दी है कि आने वाले वर्षों में पाकिस्तान को हर 15 साल में भीषण बाढ़ और हर 11 साल में भयंकर सूखे का सामना करना पड़ सकता है. ग्लोबल वॉर्मिंग के बढ़ते प्रभाव के बीच यह भविष्यवाणी न केवल पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय है, बल्कि यह पूरे दक्षिण एशिया के लिए एक गंभीर संदेश है. आइए, इस भविष्यवाणी के पीछे की वजहों और इसके प्रभावों को विस्तार से समझते हैं.

    AI की चेतावनी: बाढ़ और सूखे का चक्र

    पोहांग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (POSTECH) के प्रोफेसर जोंगहुन काम और उनकी टीम ने AI की मदद से पाकिस्तान के पर्यावरणीय भविष्य पर गहन शोध किया है. उनकी स्टडी, जो Environmental Research Letters में प्रकाशित हुई है, बताती है कि ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण पाकिस्तान को बार-बार "सुपर फ्लड्स" और "एक्सट्रीम ड्रॉट्स" का सामना करना पड़ेगा. शोध के अनुसार, ऊपरी सिंधु नदी क्षेत्र में हर 15 साल में भीषण बाढ़ और सूखे की स्थिति बन सकती है, जबकि आसपास की अन्य नदियों में यह चक्र हर 11 साल में दोहराया जा सकता है. यह भविष्यवाणी पाकिस्तान की नदियों, खासकर सिंधु, पर निर्भर अर्थव्यवस्था और जनजीवन के लिए एक बड़ा खतरा है.

    ग्लोबल वॉर्मिंग: पाकिस्तान की चुनौती

    पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और रोजमर्रा की जरूरतें सिंधु जैसी नदियों पर टिकी हैं, जो खेती, ऊर्जा उत्पादन और पेयजल का मुख्य स्रोत हैं. लेकिन ग्लोबल वॉर्मिंग ने इन नदियों को संकट में डाल दिया है. ऊपरी इलाकों में ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे नदियों का प्रवाह अनियमित हो रहा है. प्रोफेसर काम की टीम का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. 2022 में पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़, जिसमें 33 मिलियन लोग प्रभावित हुए और 40 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ, इस बात का जीता-जागता सबूत है. ऐसे में AI की यह भविष्यवाणी पहले से ही संकटग्रस्त देश के लिए एक और चेतावनी है.

    AI क्यों बना भरोसेमंद उपकरण?

    पारंपरिक जलवायु मॉडल पहाड़ी और जटिल भौगोलिक क्षेत्रों में सटीक भविष्यवाणी करने में अक्सर नाकाम रहते हैं. ये मॉडल कभी बारिश को कम तो कभी ज्यादा आंकते हैं, जिससे सही अनुमान लगाना मुश्किल हो जाता है. इस कमी को दूर करने के लिए प्रोफेसर जोंगहुन काम और उनके सहयोगी हसन रजा ने AI मॉडल को पिछले कई वर्षों के नदी प्रवाह डेटा पर प्रशिक्षित किया. इस प्रक्रिया ने मौसम की भविष्यवाणियों को पहले से कहीं अधिक सटीक बना दिया. AI ने न केवल मौसम के पैटर्न को समझा, बल्कि यह भी बताया कि कैसे ग्लोबल वॉर्मिंग इन चरम मौसमी घटनाओं को और गंभीर बना रही है.

    पाकिस्तान के लिए क्या है सबक?

    AI की इस भविष्यवाणी ने पाकिस्तान में चिंता की लहर पैदा कर दी है. शोध में सुझाव दिया गया है कि पाकिस्तान को नदियों के लिए क्षेत्र-विशिष्ट जल प्रबंधन रणनीतियां अपनानी होंगी. एक सामान्य नीति अब काम नहीं करेगी. प्रोफेसर काम का कहना है कि यह AI तकनीक न केवल पाकिस्तान, बल्कि अन्य जलवायु-संवेदनशील और डेटा-कमजोर क्षेत्रों के लिए भी उपयोगी हो सकती है. 2025 में ही पाकिस्तान में भीषण गर्मी, बाढ़ और असामान्य मौसमी घटनाओं ने तबाही मचाई, जिससे यह भविष्यवाणी और भी वास्तविक लगती है.

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