आगरा में हो गया 5 हजार करोड़ का घोटाला, कई देशों में फैलाया जाल, करोड़ों के हीरे मंगवाकर कमाया माल

    देश में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड के नाम पर एक बड़ा घोटाला सामने आया है. आयकर विभाग ने जांच में खुलासा किया है कि लगभग 5,000 करोड़ रुपये का दुरुपयोग कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई.

    Agra Income Tax Department uncovers ₹5000 crore CSR fund scam
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    Agra News: देश में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड के नाम पर एक बड़ा घोटाला सामने आया है. आयकर विभाग ने जांच में खुलासा किया है कि लगभग 5,000 करोड़ रुपये का दुरुपयोग कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई. इस रकम को सामाजिक कार्यों के बजाय शेल कंपनियों के जरिए चीन, हांगकांग, मलेशिया, सिंगापुर और दुबई भेजा गया, जहां से हीरों की तस्करी कर उन्हें भारत लाया गया और सूरत में बेचा गया.

    CSR के नाम पर फंड का गलत इस्तेमाल

    आयकर विभाग को जानकारी मिली थी कि देश की बड़ी कंपनियों से CSR फंड के करोड़ों रुपये तीन ट्रस्टों – मथुरा का जनजागृति सेवा संस्थान, अहमदाबाद का रागिनी बेन विधिक चंद्र सेवा कार्य ट्रस्ट और भीलवाड़ा का डॉ. ब्रजमोहन सपूत कला संस्कृति सेवा संस्थान को भेजे गए. फंड को समाजसेवा की बजाय शेल कंपनियों में ट्रांसफर कर दिया गया और उसका इस्तेमाल अवैध रूप से हीरों की खरीद और हवाला ट्रांजेक्शन में किया गया.

    विदेशों में भेजा पैसा, भारत में बेचे गए हीरे

    विभाग की जांच में सामने आया कि इन ट्रस्टों के जरिए भेजा गया पैसा शेल कंपनियों के माध्यम से विदेशों में पहुंचाया गया. वहां से करोड़ों रुपये के हीरे भारत में तस्करी कर लाए गए और सूरत में बेचे गए. हीरे बेचकर प्राप्त धनराशि को हवाला के जरिए कंपनियों को नकद में लौटाया गया, जिससे सभी लेनदेन ऑफ रिकॉर्ड रहे.

    गरीबों के नाम पर बनीं शेल कंपनियां

    इस घोटाले में आयकर विभाग ने 50 से अधिक शेल कंपनियों का पता लगाया है, जिन्हें गरीबों और मजदूरों के आधार कार्ड के सहारे बनाया गया था. ये कंपनियां महज कागजों पर चल रही थीं, लेकिन उनके जरिए अरबों रुपये का लेन-देन किया गया.

    50 से ज्यादा ठिकानों पर सर्च, 200 अधिकारी तैनात

    आयकर विभाग ने मुंबई, कोलकाता, सूरत, अहमदाबाद, बेंगलुरु, मथुरा और भीलवाड़ा समेत 50 से अधिक ठिकानों पर एक साथ सर्च अभियान चलाया है. यह ऑपरेशन प्रधान आयकर निदेशक (अन्वेषण) अजय कुमार शर्मा के निर्देशन में चलाया जा रहा है, जिसमें 200 से अधिक अधिकारी शामिल हैं.

    चार महीने की प्लानिंग के बाद एक्शन

    इस बड़ी कार्रवाई से पहले विभाग ने चार महीने तक पूरी रेकी की. डाटा एनालिसिस, फील्ड इन्वेस्टिगेशन और नेटवर्किंग के जरिए जैसे ही पर्याप्त सबूत जुटे, मंगलवार सुबह 6:30 बजे एक साथ छापेमारी की गई. यह अभियान अभी जारी है और अधिकारियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले का आंकड़ा और बढ़ सकता है. 

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