PAK का नापाक चेहरा बेनकाब! धर्मांतरण के सहारे ISI की लेडी ब्रिगेड की तैयारी, इन देशों से होती थी फंडिंग

    Agra conversion case: आगरा में सामने आए धर्मांतरण मामले ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं. इस केस की जांच में अब जो खुलासे हो रहे हैं, वे सिर्फ धर्म परिवर्तन तक सीमित नहीं हैं.

    Agra conversion case Preparation of ISI's Lady Brigade with the help of conversion
    Image Source: Meta AI

    Agra conversion case: आगरा में सामने आए धर्मांतरण मामले ने सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ा दिए हैं. इस केस की जांच में अब जो खुलासे हो रहे हैं, वे सिर्फ धर्म परिवर्तन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इसके पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की गहरी साजिश सामने आ रही है.

    सूत्रों के मुताबिक, धर्मांतरण की आड़ में ISI भारत में "लेडी स्लीपर सेल" की एक पूरी ब्रिगेड खड़ी करने की कोशिश में था. खासकर देश के अलग-अलग हिस्सों में लड़कियों को ऑनलाइन तरीके से रेडिकलाइज कर एक खास एजेंडे के तहत तैयार किया जा रहा था.

    विदेशी NGO और क्रिप्टो के जरिए फंडिंग

    जांच में सामने आया है कि फिलीपींस स्थित एक NGO 'Go Fund Me' के जरिए धर्मांतरण के लिए फंड भेजा जा रहा था. ये पैसे कनाडा और इंग्लैंड से चंदे के रूप में व्हाइट मनी में आ रहे थे. इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी और डॉलर में भी ट्रांजैक्शन के प्रमाण एजेंसियों के हाथ लगे हैं.

    व्हाट्सएप विंग और ऑनलाइन क्लास के जरिए रेडिकलाइजेशन

    इस नेटवर्क का दिल्ली में भी एक सक्रिय विंग है. यहां व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए लड़कियों को इस्लाम धर्म की ऑनलाइन क्लास कराई जाती थी. ज़ूम लिंक भेजकर उन्हें नमाज़, शरीयत और इस्लामी मान्यताओं की शिक्षा दी जाती थी. ये सभी कन्वर्टेड लड़कियां 'रिवर्टी' नाम से जानी जाती थीं.

    सोशल मीडिया से शिकार

    इस धर्मांतरण सिंडिकेट में शामिल कई लड़कियों की मानसिक स्थिति इतनी प्रभावित हो चुकी है कि काउंसलिंग से भी कोई असर नहीं पड़ रहा. सोशल मीडिया और गेमिंग ऐप्स के ज़रिए लड़कियों को टारगेट किया जाता था और फिर कश्मीर की एक महिला ग्रुप द्वारा उन्हें कट्टरपंथ की ओर मोड़ा जाता था.

    ISI के लिए काम कर रहे हैं पाकिस्तानी यूट्यूबर

    ध्यान देने वाली बात ये है कि इस पूरे रैकेट के पीछे पाकिस्तानी यूट्यूबर तनवीर अहमद और साहिल अदीब का नाम सामने आया है. दोनों न केवल ऑनलाइन धर्मांतरण ट्रेनिंग देते थे, बल्कि व्हाट्सएप ग्रुप के एडमिन भी थे, जिसमें 100 से अधिक लड़कियां जुड़ी थीं। एजेंसियों को शक है कि ये नाम फर्जी हो सकते हैं.

    🇨🇦 कनाडा से फंडिंग

    इस पूरे नेटवर्क को कनाडा से सैयद दाऊद नामक व्यक्ति फंडिंग कर रहा था, जो मूल रूप से मध्य प्रदेश का रहने वाला है और कनाडा में इस्लामिक सेंटर चलाता है. यूपी ATS और केंद्रीय एजेंसियां अब इस केस में टेरर एंगल की जांच कर रही हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, इन लड़कियों को गल्फ देशों में भेजने की योजना भी थी. कश्मीर से जुड़े एक और मास्टरमाइंड ‘हैरिस’ की तलाश भी जारी है.

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