Kailash Mansarovar Yatra 2025: लंबी प्रतीक्षा के बाद वह शुभ घड़ी आ ही गई है जिसका बेसब्री से इंतज़ार था. इस वर्ष 30 जून से एक बार फिर कैलाश मानसरोवर यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा है. यह यात्रा न सिर्फ एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि आत्मिक शांति और हिमालय की गोद में प्रकृति के सौंदर्य को निहारने का अनूठा अवसर भी है. उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों से यह पावन यात्रा एक बार फिर संभव हो सकी है. बता दें कि यह यात्रा कोविड-19 के चलते 2020 से बंद पड़ी थी.
250 श्रद्धालुओं को मिलेगा यात्रा करने का अवसर
कोविड के पांच वर्षों बाद अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विशेष प्रयासों के कारण दोबारा शुरू होने जा रही है. दिल्ली में विदेश मंत्रालय की बैठक में यह तय किया गया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा का संचालन इस बार कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा किया जाएगा. यात्रा दिल्ली से शुरू होकर पिथौरागढ़ के लिपुलेख दर्रे से आगे बढ़ेगी. 50-50 यात्रियों के पांच दलों में कुल 250 श्रद्धालुओं को इस वर्ष यात्रा करने का अवसर मिलेगा.
ऐसे होगी यात्रा की रूपरेखा
यात्रा का पहला दल 10 जुलाई को लिपुलेख पास पार करके चीन में प्रवेश करेगा, जबकि अंतिम दल 22 अगस्त को वापसी करेगा. हर दल दिल्ली से निकलकर टनकपुर, धारचूला, गुंजी और नाभीढांग होते हुए तकलाकोट (चीन) पहुंचेगा. वापसी के दौरान यात्रियों का पड़ाव बूंदी, चौकोड़ी और अल्मोड़ा में होगा, और फिर दल दिल्ली लौटेगा. पूरी यात्रा कुल 22 दिनों की होगी. यात्रा पर रवाना होने से पहले सभी यात्रियों का दिल्ली में मेडिकल चेकअप किया जाएगा, साथ ही पिथौरागढ़ के गुंजी में आईटीबीपी के सहयोग से भी स्वास्थ्य परीक्षण होगा.
30 अप्रैल से शुरू होगी चारधाम यात्रा
30 अप्रैल से चारधाम यात्रा का भी शुभारंभ होगा. बता दें कि शुरू होने से पहले ही 19 लाख से ज्यादा श्रद्धालु चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं. केदारनाथ के लिए 6 लाख 48 हजार से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है. वहीं बद्रीनाथ धाम के लिए 5 लाख 74 हजार से ज्यादा श्रद्धालु तैयार बैठे हैं. गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए भी 3-3 लाख से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं.
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