इजरायल और गाजा के बीच जारी संघर्ष के बीच अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ आवाजें तेज़ होती जा रही हैं. अर्जेंटीना के मानवाधिकार संगठनों ने नेतन्याहू पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी संभावित यात्रा के दौरान गिरफ्तारी की मांग की है. इस मांग को लेकर एक आपराधिक याचिका देश की संघीय अदालत में दर्ज कराई गई है.
याचिका में नेतन्याहू को गाजा पट्टी में हुए कथित युद्ध अपराधों का "सह-अपराधी" बताया गया है.मानवाधिकार वकील रोडोल्फो यानजोन और फिलिस्तीनी मानवाधिकार केंद्र के निदेशक राजी सौरानी द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि नेतन्याहू पर जानबूझकर भुखमरी, हत्या, उत्पीड़न और अन्य अमानवीय कृत्य जैसे अपराधों की आपराधिक जिम्मेदारी तय होती है. इस याचिका का संबंध 23 मार्च को हुई उस घटना से है, जिसमें इजरायली हमलों में 15 लोगों की मौत हुई थी. मृतकों में कई वे लोग थे, जो पहले हमले के बाद पीड़ितों की मदद के लिए घटनास्थल पर पहुंचे थे और दूसरे हमले में मारे गए.
नेतन्याहू की संभावित यात्रा पर छाया विवाद
स्थानीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक नेतन्याहू सितंबर के अंत में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क जाएंगे और इसी दौरान वे अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली से मुलाकात का अनुरोध कर सकते हैं. हालांकि सरकारी स्तर पर अभी तक इस यात्रा की पुष्टि नहीं हुई है.मानवाधिकार समूहों का मानना है कि अगर नेतन्याहू अर्जेंटीना आते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए. इसके लिए अगस्त की शुरुआत में ही गिरफ्तारी वारंट की मांग भी अदालत में की जा चुकी है. इसमें अर्जेंटीना के प्रमुख मजदूर संगठन एटीई (ATE) और मानवाधिकार संगठन HIJOS भी शामिल हैं.
अंतरराष्ट्रीय कानून और अर्जेंटीना की भूमिका
अर्जेंटीना का इतिहास रहा है कि वह मानवाधिकार उल्लंघनों के मामलों में अंतरराष्ट्रीय न्याय के सिद्धांतों का समर्थन करता रहा है. यही वजह है कि मानवाधिकार कार्यकर्ता चाहते हैं कि नेतन्याहू की गिरफ्तारी एक मिसाल बने और दुनिया को यह संदेश जाए कि किसी भी देश का शीर्ष नेता अगर मानवता के खिलाफ अपराध करता है, तो वह जवाबदेह होगा.
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