दिल्ली से 7 महीने में लापता हुए 8,000 लोग, पुलिस को नहीं मिल रहा सुराग, पढ़ें हैरान करने वाली रिपोर्ट

    नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस वर्ष जनवरी से जुलाई के बीच करीब 8,000 लोग लापता हो गए हैं, जिनमें से अधिकांश का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है.

    8,000 people missing from Delhi in 7 months Read shocking report
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Freepik

    नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस वर्ष जनवरी से जुलाई के बीच करीब 8,000 लोग लापता हो गए हैं, जिनमें से अधिकांश का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है. राजधानी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में गुमशुदगी के मामलों में अचानक वृद्धि हो रही है, जिससे सुरक्षा और अपराध के मुद्दे पर चिंता बढ़ गई है. ज़ोनल इंटीग्रेटेड पुलिस नेटवर्क (जिपनेट) के आंकड़ों से यह चौकाने वाली जानकारी सामने आई है.

    लापता होने वालों में महिलाएं सबसे ज्यादा

    जिपनेट के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 23 जुलाई के बीच 7,880 से अधिक लोग लापता हुए हैं. इनमें से 4,753 महिलाएं और 3,133 पुरुष शामिल हैं. लापता होने वाले लोगों की संख्या में महिलाओं का हिस्सा ज्यादा है, जो यह संकेत देता है कि राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं हैं. इन लापता लोगों में अधिकांश मामले दिल्ली के बाहरी और उत्तरी जिलों से हैं, जहां पुलिस की नजर में सुरक्षा व्यवस्था में कुछ खामियां हो सकती हैं.

    बाहरी उत्तरी जिले में सबसे अधिक गुमशुदगी

    दिल्ली के बाहरी उत्तरी जिले में 908 लापता लोगों के मामले दर्ज किए गए हैं, जो बवाना, स्वरूप नगर, और समयपुर बादली जैसे क्षेत्रों से संबंधित हैं. यह जिले राजधानी के बाहरी इलाकों में आते हैं, जहां से लापता होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. इसके अलावा, दिल्ली के अन्य हिस्सों जैसे उत्तर पूर्वी (730 मामले), दक्षिण पश्चिम (717 मामले) और दक्षिण पूर्व (689 मामले) जिलों में भी लापता लोगों की संख्या अधिक है.

    अज्ञात शवों की संख्या में भी बढ़ोतरी

    दिल्ली में लापता लोगों के मामलों के साथ-साथ अज्ञात शवों के मिलने के आंकड़े भी चिंताजनक हैं. जनवरी से 23 जुलाई के बीच 1,486 अज्ञात शव बरामद हुए हैं, जिनमें से अधिकतर शव पुरुषों के हैं. सबसे अधिक शव उत्तरी जिले (352 शव) में मिले, जहां कोतवाली, सब्जी मंडी और सिविल लाइंस जैसे इलाके शामिल हैं. पुलिस अब इन शवों की पहचान और लापता लोगों के मामलों को जोड़ने की कोशिश कर रही है.

    जिपनेट: डेटा का एक केंद्रीकृत स्रोत

    जिपनेट एक केंद्रीकृत डेटाबेस है जिसे पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियां लापता व्यक्तियों और अज्ञात शवों के मामलों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल करती हैं. यह डेटाबेस विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से जुड़े आंकड़े संकलित करता है, जिससे पुलिस को लापता व्यक्तियों का सुराग ढूंढने में मदद मिलती है.

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