Gst Council Meeting: जीएसटी (GST) व्यवस्था में एक और बड़ा बदलाव होने जा रहा है. केंद्र सरकार ने संकेत दिया है कि "नेक्स्ट-जेनरेशन जीएसटी रिफॉर्म्स" अक्टूबर की शुरुआत से लागू हो सकते हैं. इसे लेकर GST काउंसिल की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर को दिल्ली में होगी, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी.
बैठक से पहले राज्यों के मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री और अधिकारी दिल्ली में जुट चुके हैं और विभिन्न मुद्दों पर मंत्रियों के समूह (GoMs) की बैठकें भी हो चुकी हैं.
क्या हैं जीएसटी में होने वाले बदलाव?
सरकार ने टैक्स की मौजूदा जटिल संरचना को सरल करने का प्रस्ताव रखा है. फिलहाल अलग-अलग उत्पादों पर 5%, 12%, 18% और 28% की दर से GST लगता है. नए प्रस्ताव में सिर्फ दो मुख्य दरें, 5% और 18% रखने की बात की गई है. इसके अलावा, तंबाकू, बड़ी SUV, और अन्य "पाप या लक्ज़री वस्तुएं" पर 40% तक विशेष टैक्स लगाने की योजना है.
स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर राहत संभव
मंत्रियों के समूह की सिफारिश है कि हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस जैसी सेवाओं को GST से पूरी तरह छूट मिलनी चाहिए. अगर यह प्रस्ताव लागू होता है तो आम व्यक्ति को बीमा लेने पर 18% तक की बचत हो सकती है. लेकिन इसका असर सरकारी योजनाओं और राज्यों की कमाई पर पड़ सकता है, जिस पर चर्चा जारी है.
राज्यों की चिंताएं
राज्य सरकारों की दो मुख्य चिंताएं सामने आई हैं:
राजस्व हानि की भरपाई कैसे होगी? और क्या टैक्स में कटौती का सीधा लाभ जनता तक पहुंचेगा या कंपनियां मुनाफा बढ़ाएंगी? कुछ राज्यों का कहना है कि यदि महंगे सामान जैसे रेफ्रिजरेटर, AC, या छोटी कारों पर टैक्स घटाकर 18% किया गया, तो 28% वाले स्लैब से हटने पर उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है.
किन वस्तुओं पर टैक्स घटेगा?
अगर प्रस्ताव लागू होता है तो जिन वस्तुओं पर टैक्स घटने की उम्मीद है, वे हैं:
खाद्य सामग्री: ब्रांडेड फ्रूट जूस, बटर, चीज़, खजूर, सॉसेज
घरेलू उपकरण: फ्रिज, एयर कंडीशनर
मेडिकल सामग्री: मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, बैंडेज, डायग्नोस्टिक किट
वाहन: छोटी कारें
वहीं, लक्ज़री कारें और तंबाकू जैसे उत्पादों पर 40% या उससे अधिक टैक्स लगाया जा सकता है.
छोटे व्यापारियों और MSMEs को क्या मिलेगा फायदा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में जीएसटी सुधारों का जिक्र करते हुए कहा था कि यह बदलाव खासतौर पर आम नागरिक, छोटे व्यापारियों और MSME सेक्टर के लिए राहत लेकर आएगा. दरअसल, टैक्स की दरें जितनी आसान और कम होंगी, छोटे कारोबारियों के लिए उतनी ही पारदर्शी व्यवस्था बनेगी.
अगले कदम क्या हैं?
2 सितंबर को राज्यों और केंद्र के अफसरों की तकनीकी बैठक होगी. 3 और 4 सितंबर को GST काउंसिल की बैठक में अंतिम प्रस्तावों पर मुहर लगाई जा सकती है. अक्टूबर से नए ढांचे को पायलट आधार पर लागू किया जा सकता है. दिवाली तक इसे पूरे देश में लागू करने का लक्ष्य है.
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