Greater Noida News: नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को बेहतर और प्रदूषणमुक्त बनाने के लिए एक अहम कदम उठाया जा रहा है. अब इन क्षेत्रों में 500 सिटी ई बसों का संचालन शुरू होने जा रहा है, जो न केवल यात्रियों के लिए सुविधा प्रदान करेंगे, बल्कि पर्यावरण को भी संरक्षित करेंगे. इस पहल को 'जीबीएन ग्रीन ट्रांसपोर्ट' नाम दिया गया है और इसका संचालन एक विशेष उद्देश्य वाली कंपनी (SPV) द्वारा किया जाएगा.
स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) का गठन
इस परियोजना के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) का गठन किया जाएगा, जिसमें नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यीडा के सीईओ सहित चार निदेशक होंगे. एसपीवी के निदेशकों में एक स्थान नोएडा ट्रैफिक सेल के निदेशक को दिया गया है. इसके अलावा, तीनों प्राधिकरणों के वरिष्ठ अधिकारियों को सब्सक्राइबर के रूप में शामिल किया जाएगा. यह कदम इस परियोजना के संचालन और प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए उठाया जा रहा है.
तीनों प्राधिकरणों की साझेदारी
इस परियोजना के अंतर्गत, तीनों प्राधिकरणों की साझेदारी तय की गई है. नोएडा प्राधिकरण का हिस्सा 48% होगा, जबकि ग्रेटर नोएडा और यीडा का हिस्सा 26-26% रखा जाएगा. जरूरत के अनुसार इसमें बदलाव भी संभव होगा. बसों के संचालन के लिए कुल 500 बसों में से 250 बसें 12 मीटर लंबाई की होंगी और 250 बसें 9 मीटर लंबाई की होंगी.
परियोजना का आकार और लागत
इस परियोजना का कुल आकार 675 करोड़ रुपये है, जिसमें बसों, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, डिपो और रखरखाव की व्यवस्था शामिल है. चयनित कंपनियां 12 वर्षों तक इस सेवा का संचालन करेंगी और हर बस को सालाना 72,000 किलोमीटर की यात्रा करनी होगी.
ऑपरेटर कंपनियों का चयन
परियोजना के लिए दो ऑपरेटर कंपनियां चयनित की गई हैं. ट्रैवल टाइम मोबिलिटी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड 9 मीटर लंबी बसों का संचालन करेगी, जबकि डेलबस मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड 12 मीटर लंबी बसों का संचालन करेगी. दोनों कंपनियों को संचालन के लिए निर्धारित राशि जमा करनी होगी.
सलाहकार कंपनियों का चयन
सिटी बस सेवा के संचालन और आधारभूत संरचना के विकास के लिए सात प्रमुख सलाहकार कंपनियों को आमंत्रित किया गया है. इनमें से एक कंपनी को जल्द ही चुना जाएगा, जो परियोजना के तकनीकी पहलुओं को देखेगी.
ये भी पढ़ें: गूगल मैप के चक्कर में बुरे फंसे चार दोस्त, रात में गलत लोकेशन पर पहुंचे, गांववालों ने चोर समझकर पीटा