देशभर में मानसून ने राहत के बजाय कई राज्यों के लिए आफत बनकर दस्तक दी है. खासतौर पर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और ओडिशा इस समय सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. जहां हिमाचल में 43 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं उत्तराखंड में भारतीय वायुसेना के दो जवान डूब गए और ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में जनजीवन जलजमाव के कारण अस्त-व्यस्त हो गया है. इन हालातों ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या हम मौसम की मार से निपटने के लिए तैयार हैं?
बादल फटे, पहाड़ दरके, मची तबाही
20 जून को मानसून की दस्तक के साथ ही हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं की झड़ी लग गई. 43 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है. 37 लोग लापता हैं और सैकड़ों परिवार बेघर हो गए हैं. 5,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान सरकारी आंकड़ों में सामने आया है. अकेले मंडी जिले में 17 लोगों की मौत हुई है. मंगलवार को जिले में 10 जगह बादल फटने और भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं. भारी बारिश के चलते 150 से अधिक मकान, 106 पशुशालाएं और 31 वाहन क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. 14 पुल टूट चुके हैं और 164 मवेशियों की मौत हुई है.
बचाव कार्य जारी, राहत शिविरों की व्यवस्था
NDRF की टीमें प्रभावित इलाकों में लगातार काम कर रही हैं. 65 लोगों को भारद, देजी, पयाला और रुकचुई जैसे गांवों से सुरक्षित बाहर निकाला गया है. कुल मिलाकर 402 लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. अकेले मंडी जिले में 348 लोगों को शरण दी गई है.
बिजली-पानी की आपूर्ति ठप
राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) ने बताया कि 280 से ज्यादा सड़कें अभी भी बंद हैं. 332 ट्रांसफार्मर खराब हो चुके हैं. 784 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिससे पानी की किल्लत शुरू हो चुकी है.
मौसम विभाग का अलर्ट
स्थानीय मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. शनिवार से मंगलवार तक भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी है. पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ का खतरा और बढ़ सकता है.
उत्तराखंड में भी आफत
उत्तराखंड के नैनीताल जिले के भीमताल में दुखद घटना सामने आई. भारतीय वायुसेना के जवान प्रिंस यादव (22) और साहिल कुमार (23) डूब गए. दोनों छुट्टियां मनाने आए थे और झील की गहराई में समा गए. स्थानीय लोगों व पुलिस ने रेस्क्यू अभियान चलाया और एक घंटे की मशक्कत के बाद शव बरामद किए. राज्य में 100 से ज्यादा सड़कें बंद हो चुकी हैं. उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग में सबसे ज्यादा असर, जहां यात्रा मार्गों पर मलबा जमा है. कुछ ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान्न संकट की भी स्थिति बनी है.
गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बातचीत की. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एनडीआरएफ, आईटीबीपी जैसी एजेंसियों की तैनाती का भरोसा दिया गया. चारधाम यात्रा को फिर से सुचारू करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं.
ओडिशा में जलजमाव से जनजीवन अस्त-व्यस्त
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में लगातार बारिश ने शहर को ठप कर दिया. कई निचले इलाकों में गहरी जलभराव की समस्या देखने को मिल रही है. भुवनेश्वर नगर निगम (BMC) को जल निकासी में काफी मशक्कत करनी पड़ी. नालों की सफाई नहीं होने और निकासी व्यवस्था की खामियों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी.
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