नई दिल्लीः विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि भारत और कुवैत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खाड़ी देश की यात्रा के दौरान रक्षा, खेल और सांस्कृतिक सहयोग के क्षेत्रों में चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए. विदेश मंत्रालय के सचिव CPV and OIA, अरुण कुमार चटर्जी ने आज एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान कहा कि समझौता ज्ञापनों से बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ सहयोग के नए क्षेत्रों के लिए रास्ते खुलने की उम्मीद है.
चार द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए
उन्होंने कहा, "आज प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद यात्रा के दौरान चार द्विपक्षीय दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए. पहला रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन है, दूसरा वर्ष 2025-2029 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम है, तीसरा वर्ष 2025-2028 की अवधि के लिए खेल के क्षेत्र में सहयोग पर एक कार्यकारी कार्यक्रम है. हमने कुवैत को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) के सदस्य के रूप में भी शामिल किया है."
चटर्जी ने कहा, "हमें पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री की यह ऐतिहासिक यात्रा भारत और कुवैत के बीच संबंधों में एक नया अध्याय खोलेगी. दोनों पक्ष सहयोग के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करने में सक्षम रहे हैं और सरकारें इस यात्रा के दौरान बनाई गई योजनाओं को पूरा करने की दिशा में काम करेंगी." रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन रक्षा के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को संस्थागत रूप देगा. विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में प्रशिक्षण, कर्मियों और विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, संयुक्त अभ्यास, रक्षा उद्योग में सहयोग, रक्षा उपकरणों की आपूर्ति और अनुसंधान एवं विकास में सहयोग शामिल हैं.
चटर्जी ने कहा, "रक्षा सहयोग के क्षेत्र में भारत और कुवैत के बीच समझौता ज्ञापन रक्षा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को संस्थागत रूप देगा. सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में प्रशिक्षण, कर्मियों और विशेषज्ञों का आदान-प्रदान, संयुक्त अभ्यास, रक्षा उद्योग में सहयोग, रक्षा उपकरणों की आपूर्ति और अनुसंधान एवं विकास में सहयोग शामिल होंगे."
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि भारत और कुवैत के बीच वर्ष 2025-2029 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (सीईपी) कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और रंगमंच में अधिक से अधिक सांस्कृतिक आदान-प्रदान, सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में सहयोग, संस्कृति के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास और त्योहारों के आयोजन की सुविधा प्रदान करेगा. उन्होंने कहा, "सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम कला, संगीत, नृत्य, साहित्य और रंगमंच में अधिक से अधिक सांस्कृतिक आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा."
वर्ष 2025-2028 के लिए खेल के क्षेत्र में सहयोग के लिए कार्यकारी कार्यक्रम (ईपी) भारत और कुवैत के बीच खेल के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करेगा, जिसमें अनुभव साझा करने, खेल के क्षेत्र में कार्यक्रमों और परियोजनाओं में भागीदारी, खेल चिकित्सा, खेल प्रबंधन, खेल मीडिया, खेल विज्ञान आदि में विशेषज्ञता के आदान-प्रदान के लिए खेल नेताओं की यात्राओं के आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया जाएगा.
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