छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के गोगुंडा पहाड़ी क्षेत्र के उपमपल्ली में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ की खबर आई है. यह मुठभेड़ शनिवार सुबह हुई, जिसमें डीआरजी (जिला रिजर्व गार्ड) और सीआरपीएफ के जवान नक्सलियों का सामना कर रहे थे. माना जा रहा है कि मुठभेड़ के दौरान 30 से 40 नक्सली शामिल थे. सुरक्षा बलों ने अब तक 20 नक्सलियों के शव बरामद किए हैं. इस मुठभेड़ में दो जवानों को हल्की चोटें आई हैं, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है.
दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी
यह मुठभेड़ तब हुई, जब 28 मार्च को सुरक्षाबलों ने नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिलने पर नक्सल विरोधी सर्च ऑपरेशन शुरू किया था. अभियान के दौरान शनिवार सुबह दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी हुई, जो पूरे इलाके में गूंज उठी. इस दौरान मुठभेड़ जारी रही, और सुरक्षा बलों ने आस-पास के क्षेत्रों की सघन तलाशी भी ली.
इसके पहले, 20 मार्च को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 30 नक्सली मारे गए थे. बीजापुर पुलिस के अनुसार, यह मुठभेड़ बीजापुर और दंतेवाड़ा सीमा पर गंगालूर पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हुई थी, जहां सुरक्षाबलों ने 45 नक्सलियों को घेर लिया था. इस मुठभेड़ में बीजापुर DRG का एक जवान भी शहीद हुआ था.
नक्सलियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
20 मार्च की मुठभेड़ के बाद, गृह मंत्री अमित शाह ने इसे नक्सलमुक्त भारत अभियान की एक बड़ी सफलता बताया. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाते हुए बड़ी कामयाबी हासिल की है. अमित शाह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार नक्सलवाद के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए जल्द ही देश को नक्सलमुक्त बनाएगी.
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