भारत के पड़ोसी देशों म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार तड़के एक शक्तिशाली भूकंप आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 7.7 मापी गई. भूकंप का केंद्र म्यांमार के मांडले शहर के पास था, जहां करीब 15 लाख लोग रहते हैं. इस भूकंप के झटके थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक समेत कई अन्य इलाकों में महसूस किए गए. इसके साथ ही, बांग्लादेश, चीन और भारत के कुछ पूर्वोत्तर राज्यों में भी झटके महसूस हुए. म्यांमार की सरकार ने दुनिया भर से मदद की अपील की है, जिसके बाद भारत ने राहत सामग्री भेजने का ऐलान किया है.
दो शहरों में भारी नुकसान
म्यांमार में इस भूकंप से दो शहरों में भारी नुकसान हुआ. सरकारी मीडिया के अनुसार, अब तक 154 लोगों की मौत हो चुकी है और 732 लोग घायल हुए हैं. म्यांमार के विभिन्न शहरों में इमारतें ढह गईं, और बचाव दल मलबे में फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं. वहीं, बैंकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत गिरने से 8 लोगों की मौत हो गई और 117 लोग मलबे में फंसे हुए हैं. अधिकारियों का कहना है कि थाईलैंड में तीन निर्माण स्थलों पर मौतें हुई हैं और बचाव कार्य जारी है.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप के केंद्र के पास करीब 8 लाख लोग तीव्र झटकों की चपेट में आए हैं और मृतकों की संख्या 1,000 तक जा सकती है. म्यांमार के पांच शहरों में इमारतें ढह गईं, एक रेलवे पुल और यांगून-मांडले एक्सप्रेसवे पर एक सड़क पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया. इसके अलावा, म्यांमार का 90 साल पुराना अवा ब्रिज इरावदी नदी में समा गया और ऐतिहासिक मांडले पैलेस का एक हिस्सा भी गिर गया. म्यांमार की सैन्य सरकार ने छह क्षेत्रों में आपातकाल घोषित किया है, और बचाव कार्य जारी है.
भारत में भी झटके
थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में लोग घबराकर सड़कों पर निकल आए, जबकि कई होटलों के मेहमान तौलिये और स्विमवियर में ही बाहर भागते नजर आए. बैंकॉक में एक लक्जरी होटल से पूल का पानी नीचे गिरने का वीडियो भी सामने आया. थाईलैंड स्टॉक एक्सचेंज ने शुक्रवार दोपहर की ट्रेडिंग बंद कर दी, और मेट्रो सेवाएं भी प्रभावित हुईं.
भारत में भी कोलकाता, इंफाल और मेघालय के ईस्ट गारो हिल्स में हल्के झटके महसूस किए गए, लेकिन किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ. बांग्लादेश के ढाका और चटगांव में भी भूकंप के झटके महसूस हुए, लेकिन वहां भी कोई हताहत नहीं हुआ. चीन के युन्नान प्रांत में भी भूकंप आया, लेकिन वहां कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ.
भारत ने करीब 15 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी
म्यांमार की सेना के प्रमुख मिन आंग हलाइंग ने अंतरराष्ट्रीय मदद की अपील की है, और इसके बाद भारत ने राहत भेजने का निर्णय लिया. भारत ने करीब 15 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजी है, जिसमें तंबू, स्लीपिंग बैग, कंबल, तुरंत खाने योग्य भोजन, पानी शुद्धिकरण यंत्र, हाइजीन किट, सोलर लैंप, जनरेटर सेट और जरूरी दवाइयां शामिल हैं. इनमें पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक्स, और अन्य चिकित्सकीय सामग्री भेजी जा रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "भारत हर संभव मदद देने के लिए तैयार है." उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "म्यांमार और थाईलैंड में भूकंप के कारण चिंतित हूं. सभी की सुरक्षा और कुशलता की कामना करता हूं."
ये भी पढ़ेंः 'वह बहुत स्मार्ट हैं...', डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की; कहा- वो मेरे बहुत अच्छे दोस्त