'बंधकों की ID चेक कर रहे और पाकिस्‍तानी सैनिकों को गोली मार रहे', ट्रेन हाईजैक से बचे शख्स ने क्या बताया?

    बलूचिस्तान में हाल ही में हुए ट्रेन हमले और हाईजैक की घटना के बाद बचे हुए यात्रियों ने अपनी भयावह आपबीती साझा की है. इस घटना में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक यात्री ट्रेन पर हमला कर उसे अपने कब्जे में ले लिया.

    Checking hostages IDs and shooting Pakistani soldiers what did the train hijack survivor say
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    इस्लामाबाद: बलूचिस्तान में हाल ही में हुए ट्रेन हमले और हाईजैक की घटना के बाद बचे हुए यात्रियों ने अपनी भयावह आपबीती साझा की है. इस घटना में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक यात्री ट्रेन पर हमला कर उसे अपने कब्जे में ले लिया. इस दौरान यात्रियों ने दहशत और संघर्ष के कठिन क्षणों का सामना किया.

    बचकर निकले यात्रियों की आपबीती

    ट्रेन से बच निकलने में सफल हुए मोहम्मद बिलाल ने बताया कि यह अनुभव उनके जीवन का सबसे भयानक था. समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में उन्होंने कहा, "हम कैसे बच पाए, यह शब्दों में बयान करना मुश्किल है. ट्रेन पर बम से हमला हुआ, जिससे अफरा-तफरी मच गई, फिर अज्ञात हमलावरों ने ट्रेन को अपने कब्जे में ले लिया."

    बिलाल ने बताया कि वह अपनी मां के साथ यात्रा कर रहे थे, जब ट्रेन पर हमला हुआ. इस विस्फोट में कम से कम तीन लोगों की तत्काल मौत हो गई. हमलावरों ने शुरुआत में 100 से अधिक लोगों को रिहा कर दिया, लेकिन अभी भी कई यात्री उनके कब्जे में हैं.

    हमले की रात: गोलियों की गूंज और दहशत

    एक अन्य चश्मदीद, 49 वर्षीय अल्लाहदित्ता ने बताया कि जैसे ही धमाके की आवाज आई, ट्रेन में बैठे यात्री घबरा गए और अपनी सीटों के नीचे छिपने लगे. "हमलों के बाद हम सभी में डर बैठ गया था. हमलावरों ने यात्रियों को पुरुषों और महिलाओं में बांट दिया," उन्होंने कहा.

    अल्लाहदित्ता को उनकी तबीयत खराब होने की वजह से जाने दिया गया, लेकिन वे पहाड़ी रास्तों से होकर कई घंटे तक पैदल चले. "हमने रमजान के दौरान सफर किया और बिना पानी व खाने के कई घंटों तक पहाड़ों में चलते रहे. मेरी हालत काफी खराब हो गई थी," उन्होंने कहा.

    पहचान पत्र की जांच और सैनिकों पर निशाना

    रिहा किए गए एक अन्य यात्री ने बताया कि हमलावर यात्रियों की पहचान पत्र और सरकारी सेवा कार्ड की जांच कर रहे थे. "जिन्हें सैनिक पाया गया, उन्हें तुरंत गोली मार दी गई," उन्होंने कहा.

    नाम न बताने की शर्त पर एक यात्री ने बताया, "उन्होंने मेरे सामने दो सैनिकों को गोली मार दी और चार अन्य को अपने साथ ले गए. मुझे नहीं पता कि उन्हें कहां ले जाया गया है." यात्रियों के अनुसार, हमलावर विशेष रूप से पंजाब प्रांत से आए लोगों को खोज रहे थे और उन्हें अपने साथ ले जा रहे थे.

    बलूचिस्तान में बढ़ते तनाव का कारण

    BLA का कहना है कि वे बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का विरोध कर रहे हैं. संगठन का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार इस क्षेत्र के संसाधनों का इस्तेमाल कर रही है, जबकि स्थानीय बलूच लोगों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा.

    माच स्टेशन, जहां हमले के बाद बचे हुए लोग पहुंचे, ईरान सीमा से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित है. यह क्षेत्र अत्यधिक दुर्गम है, जहां सैन्य कार्रवाई करना बेहद कठिन होता है. पहाड़ी इलाके में छिपे हमलावरों के खिलाफ कोई भी ऑपरेशन चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है.

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