'घनश्याम तिवाड़ी सदन में माफी मांगें', खरगे के खिलाफ टिप्पणी पर विपक्ष ने किया राज्यसभा से वॉकआउट

    राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने खरगे के बारे में तिवाड़ी की टिप्पणी को सदन से हटाने की मांग की, जबकि समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति धनखड़ के लहजे पर टिप्पणी की.

    'घनश्याम तिवाड़ी सदन में माफी मांगें', खरगे के खिलाफ टिप्पणी पर विपक्ष ने किया राज्यसभा से वॉकआउट
    कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी, अजय माकन और बीजेपी सांसद घनश्याम तिवाड़ी जिनकी टिप्पणी पर की जा रही माफी की मांग | Photo- ANI

    नई दिल्ली : राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी की टिप्पणी को लेकर सभापति जगदीप धनखड़ के साथ तीखी नोकझोंक के बाद विपक्षी नेताओं ने शुक्रवार को राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया.

    कांग्रेस सांसदों ने 1 अगस्त को की गई उनकी टिप्पणी के लिए तिवाड़ी से माफी की मांग की, लेकिन राज्यसभा के सभापति ने जोर देकर कहा कि इस मुद्दे को नेताओं के साथ निजी तौर पर सुलझा लिया गया है.

    सदन से घनश्याम तिवाड़ी की टिप्पणी हटाने की मांग

    राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने विपक्ष के नेता खरगे के बारे में घनश्याम तिवाड़ी की टिप्पणी को भी हटाने की मांग की, जबकि समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन ने सभापति धनखड़ के लहजे को लेकर टिप्पणी की.

    सभापति ने जया बच्चन की टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें स्कूली शिक्षा नहीं चाहिए और वह किसी स्क्रिप्ट के अनुसार नहीं चलते विपक्षी सांसदों के सदन से बाहर जाने पर सभापति ने भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ (9 अगस्त) का जिक्र किया और कहा, "विपक्ष संसद छोड़ रहा है, यह उनका कर्तव्य है."

    यह भी पढे़ं : 'फेडरेशन ने अच्छा वकील किया है, अब उम्मदें बढ़ गई हैं', पहलवान विनेश मामले पर बोले महावीर फोगाट

    जेपी नड्डा ने कहा- विपक्ष का आचरण निंदनीय, शिवराज ने की माफी की मांग

    भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्ष का आचरण अनुचित और निंदनीय है. उन्होंने सदन में विपक्ष के व्यवहार को लेकर निंदा प्रस्ताव पेश किया. विपक्ष के सदन से बाहर जाने के बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के नेता से माफी की मांग की और कहा कि यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों, लोकतंत्र और संविधान का अपमान है.

    उन्होंने कहा, "यह सदन सिर्फ ईंट-गारे की इमारत नहीं है, यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है. मैं 6 बार लोकसभा और 6 बार विधानसभा का सदस्य रहा हूं. लेकिन मैंने अपने जीवन में विपक्ष का ऐसा अनियंत्रित व्यवहार कभी नहीं देखा. यह सिर्फ आसन का अपमान नहीं है, यह देश के लोकतांत्रिक मूल्यों, लोकतंत्र और संविधान का अपमान है. आज यह साबित हो गया है कि गैरजिम्मेदार विपक्ष देश को अराजकता की ओर धकेलने की कोशिश कर रहा है. विपक्ष को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए."

    यह भी पढे़ं : बिहार को 'विशेष राज्य का दर्जा' देने की मांग पर RJD सांसदों का प्रदर्शन, जानें कैसे मिलता है ये स्टेटस

    कांग्रेस नेता प्रमोद तिवाड़ी ने कहा- घनश्याम तिवाड़ी की भाषा में गरिमा नहीं

    कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवाड़ी ने कहा कि घनश्याम तिवाड़ी ने सदन में ऐसी भाषा और लहजे का इस्तेमाल किया, जिसमें गरिमा नहीं थी और उन्हें सदन में अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए.

    उन्होंने कहा, "यह परंपरा है कि जब सदन के नेता या विपक्ष के नेता जो कि संवैधानिक पद पर है, बोलने के लिए खड़े होते हैं, तो दोनों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है. घनश्याम तिवाड़ी ने सदन में ऐसी भाषा और लहजे का इस्तेमाल किया है, जिसमें गरिमा नहीं है. इसके बाद उन्होंने अपनी गलती स्वीकार की, लेकिन व्यक्तिगत रूप से उन्हें सदन में अपनी गलती स्वीकार करनी चाहिए... जया बच्चन जो कि सबसे वरिष्ठ सदस्य हैं, उन्होंने भी यही बात कही है. सभी उनके साथ खड़े हैं."

    वह कहते रहते हैं आप उपद्रवी, 'बुद्धिहीन' हैं : जगदीप धनखड़

    धनखड़ के साथ अपने शब्दों बातचीत में, जया बच्चन ने कहा कि उन्हें अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए लहजे पर आपत्ति है. "मैंने अध्यक्ष द्वारा इस्तेमाल किए गए लहजे पर आपत्ति जताई. हम स्कूली बच्चे नहीं हैं. हममें से कुछ वरिष्ठ नागरिक हैं. मैं उनके लहजे से परेशान था और खासकर जब विपक्ष के नेता बोलने के लिए खड़े हुए हों, तो उन्होंने माइक बंद कर दिया. आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? आपको विपक्ष के नेता को बोलने देना चाहिए... मेरा मतलब है कि हर बार असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल करना, जो मैं आप सभी के सामने नहीं कहना चाहता... उन्होंने कहा कि आप (जया) एक सेलिब्रिटी हो सकती हैं, मुझे परवाह नहीं है, मैं उनसे परवाह करने के लिए नहीं कह रही हूं. वह सदस्यों से कहते रहते हैं "

    उन्होंने दावा किया कि वह कहते रहते हैं कि आप एक उपद्रवी 'बुद्धिहीन' हैं.

    सपा सांसद ने "मैं कह रही हूं कि मैं संसद की सदस्य हूं. यह मेरा पांचवां कार्यकाल है. मैं जानती हूं कि मैं क्या कह रही हूं. जिस तरह से इन दिनों संसद में बातें की जा रही हैं, वैसा पहले कभी किसी ने नहीं बोला. मैं माफी चाहती हूं."

    यह भी पढ़ें : 'वह हमारे परिवार को बांटने की कोशिश न करें', विनेश को RS भेजने की Ex CM हुड्डा की टिप्पणी पर बोलीं बबीता

    तिवाड़ी ने खरगे का सदन में अपमान किया, इसलिए यहीं माफी मांगें : जयराम रमेश

    घनश्याम तिवाड़ी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि चूंकि तिवाड़ीने सदन में विपक्ष के नेता का "अपमान" किया है, इसलिए उन्हें सदन में सबके सामने माफ़ी मांगनी चाहिए, न कि व्यक्तिगत रूप से. उन्होंने कहा, "घनश्याम तिवाड़ी ने सदन में विपक्ष के नेता का बार-बार खुलेआम अपमान किया है. आज, यह कहा गया कि घनश्याम तिवाड़ी चेयर (राज्यसभा के अध्यक्ष) से ​​मिलने आए और मल्लिकार्जुन खरगे की प्रशंसा की. हमने मांग की कि उन्होंने चेयर से व्यक्तिगत रूप से जो कहा है, उसे सदन में भी कहा जाना चाहिए... वह (राज्यसभा के अध्यक्ष) बार-बार मुझे रोकते रहे, मुझे इससे कोई समस्या नहीं है, लेकिन विपक्ष के नेता का अपमान किया गया है और एक संवैधानिक पद का अपमान किया गया है."

    इससे पहले 1 अगस्त को, विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे संसद सत्र के दौरान घनश्याम तिवाड़ी के 'परिवारवाद' वाले बयान पर भावुक हो गए थे और उन्होंने सभापति धनखड़ से उनके राजनीतिक सफर के बारे में सदन में की गई टिप्पणियों को हटाने का आग्रह किया था. भाजपा सांसद की टिप्पणी पर नाराजगी जताते हुए खरगे ने गंभीर लहजे में कहा कि उन्हें यह बात बुरी लगी और वे "इस माहौल में लंबे समय तक नहीं रहना चाहते." सदन में सूचीवार पत्र रखे जाने के तुरंत बाद कांग्रेस नेता ने बताया कि भाजपा सांसद घनश्याम तिवारी ने उनके राजनीतिक सफर का जिक्र करते हुए कहा था कि उनका (खड़गे का) पूरा परिवार राजनीति में है. मैं अनुरोध करता हूं कि इसे हटाया जाए.

    यह भी पढ़ें : 'ये भारत सरकार की तानाशाही पर जोरदार तमाचा', मनीष सिसोदिया की जमानत पर बोले AAP नेता संजय सिंह

    भारत