चरखी दादरी (हरियाणा) : पूर्व पहलवान और भाजपा नेता बबीता फोगाट ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की विनेश फोगाट को राज्यसभा (RS) भेजने की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें उनके परिवार को राजनीति से दूर रखना चाहिए.
पेरिस ओलंपिक में महिलाओं के 50 किग्रा में स्वर्ण पदक के लिए फाइनल में खेलने से पहले गुरुवार को संयुक्त राज्य अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट के खिलाफ विनेश को, उनका वजन तय सीमा से ज्यादा होने के बाद अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
उनकी अयोग्यता पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई और राजनीतिक गलियारे में नेताओं ने उनके प्रति सांत्वना जताई, जबकि कुछ ने इसे साजिश से जोड़ा.
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हुड्डा ने कहा- अगर उनके पास बहुमत होता तो विनेश को राज्यसभा भेजते
शुक्रवार को भूपिंदर हुड्डा ने दावा किया कि अगर उनके पास बहुमत होता, तो वे विनेश को राज्यसभा में सीट देते.
भूपिंदर ने कहा, "आज (हरियाणा में) एक राज्यसभा सीट खाली है. अगर मेरे पास बहुमत होता, तो मैं उन्हें राज्यसभा भेज देता." उनकी टिप्पणी के बाद, विनेश की चचेरी बहन बबीता ने पलटवार करते हुए दावा किया कि भूपेंद्र हुड्डा का अपना एजेंडा है और उन्हें राजनीति को उनके परिवार से दूर रखना चाहिए.
उन्होंने अपनी सरकार के दौरान कितने खिलाड़ियों को राज्यसभा भेजा : बबीता
बबीता ने कहा, "भूपेंद्र हुड्डा को पहले यह बताना चाहिए कि उन्होंने अपनी सरकार के दौरान कितने खिलाड़ियों को राज्यसभा भेजा. हुड्डा साहब केवल कुर्सी पाने में पीछे रह गए हैं. उन्हें हमारे परिवार में राजनीति लाने और हमारे परिवार को बांटने कोशिश नहीं करनी चाहिए."
बबीता के पिता महावीर फोगट अपनी बेटी के विचारों से सहमत थे और उन्होंने दावा किया कि भूपेंद्र हुड्डा की टिप्पणी एक "राजनीतिक स्टंट" थी.
"यह एक राजनीतिक स्टंट है. आज भूपिंदर हुड्डा ने कहा कि विनेश को (राज्यसभा में) भेजा जाना चाहिए, लेकिन उनकी सरकार के दौरान गीता फोगाट को राज्यसभा क्यों नहीं भेजा गया?"
महावीर फोगाट ने कहा- उनकी वजह से हमारी बेटियां डीएसपी नहीं बनीं
महावीर ने बताया कि 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में बबीता ने सिल्वर और गीता ने गोल्ड जीता था और हुड्डा सरकार सत्ता में थी. महावीर के अनुसार, उनकी बेटियां डीएसपी बनने वाली थीं, लेकिन भूपेंद्र हुड्डा ने भेदभाव किया और ऐसा नहीं होने दिया.
महावीर ने कहा, "जब 2005 और 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए थे, तब बबीता फोगाट ने सिल्वर मेडल जीता था और गीता फोगाट ने गोल्ड मेडल जीता था. वह कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय पहलवान थीं. उसके बाद, 2012 में गीता ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली महिला पहलवान बनीं. उस समय हुड्डा की सरकार सत्ता में थी और गीता और बबीता को डीएसपी बनाया जाना था, लेकिन हुड्डा साहब ने भेदभाव किया और गीता को इंस्पेक्टर और बबीता को सब-इंस्पेक्टर बना दिया. हमने केस दर्ज किया और कोर्ट के जरिए मामला सुलझाया गया."
अयोग्य घोषित किए जाने के बाद शुक्रवार को विनेश ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की. उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में भी अपील की है.
आईओए के एक सूत्र के अनुसार, फोगाट ने सीएएस से रजत पदक देने का अनुरोध किया है.
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