बिहार को 'विशेष राज्य का दर्जा' देने की मांग पर RJD सांसदों का प्रदर्शन, जानें कैसे मिलता है ये स्टेटस

    मीसा भारती ने कहा- एक समय नीतीश कुमार भी यही मांग कर रहे थे. आज बिहार में डबल इंजन की सरकार है. राज्य के दौरे के दौरान पीएम ने कहा था कि विशेष पैकेज दिया जाएगा.

    बिहार को 'विशेष राज्य का दर्जा' देने की मांग पर RJD सांसदों का प्रदर्शन, जानें कैसे मिलता है ये स्टेटस
    संसद के बाहर मौजूदा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते आरजेडी सांसद | Photo- @RJDforIndia के हैंडल से.

    नई दिल्ली : राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसदों ने शुक्रवार को बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर संसद के बाहर प्रदर्शन किया.  राजद सांसद मीसा भारती ने बिहार के लिए विशेष पैकेज के वादे को पूरा न करने के लिए पीएम मोदी से माफी मांगने की मांग की और कहा कि मौजूदा दी गई मदद काफी नहीं है. यह बिहार के साथ धोखा है.

    मीसा भारती ने कहा, "एक समय नीतीश कुमार भी यही मांग कर रहे थे. आज बिहार में डबल इंजन की सरकार है. बिहार दौरे के दौरान पीएम ने कहा था कि विशेष पैकेज दिया जाएगा. लेकिन अब पीएम को याद नहीं है कि उन्होंने पहले क्या कहा था. बिहार को दी जाने वाली मौजूदा सहायता कम है. किसी न किसी तरह से बिहार के लोगों के साथ धोखा हुआ है. पीएम को बिहार के लोगों से माफी मांगनी चाहिए."

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    केंद्र सरकार ने जेडीयू की मांग ठुकराई, मांगा था विशेष दर्जा

    यह विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार द्वारा बिहार के लिए जेडी(यू) के 'विशेष श्रेणी' के दर्जे के अनुरोध को अस्वीकार करने के बाद किया गया है.

    केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री (एमओएस) पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा है कि अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) की 2012 की रिपोर्ट के अनुसार बिहार को विशेष दर्जा नहीं दिया जा सकता है.

    चौधरी ने स्पष्ट किया, "विशेष दर्जा केवल उन राज्यों को दिया जाता है, जिनके पास पहाड़ी इलाके, कम आबादी या आर्थिक संघर्ष जैसी अनूठी चुनौतियां होती हैं."

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    इन खासियतों के आधार पर दिया जाता है विशेष का राज्य का दर्जा 

    चौधरी ने कहा, "योजना सहायता के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा अतीत में राष्ट्रीय विकास परिषद (NDC) द्वारा कुछ राज्यों को दिया गया था, जिनकी कई खासियतें हैं- विशेष ध्यान देने की आवश्यकता थी. इन विशेषताओं में (i) पहाड़ी और कठिन इलाके, (ii) कम जनसंख्या घनत्व और/या आदिवासी आबादी का बड़ा हिस्सा, (iii) पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं का रणनीतिक स्थान, (iv) आर्थिक और बुनियादी ढांचागत पिछड़ापन और (v) राज्य के वित्त की अव्यावहारिक प्रकृति शामिल थी."

    चौधरी ने सोमवार को कहा, "यह निर्णय ऊपर लिस्ट सभी फैक्टर्स और राज्य की विशिष्ट स्थिति पर इंटीग्रेटेड विचार के आधार पर लिया गया है. इससे पहले, स्पेशल कैटेगरी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) द्वारा विचार किया गया था, जिसने 30 मार्च, 2012 को अपनी रिपोर्ट पेश की थी. आईएमजी इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर, बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला नहीं बनता है."

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