'फेडरेशन ने अच्छा वकील किया है, अब उम्मदें बढ़ गई हैं', पहलवान विनेश मामले पर बोले महावीर फोगाट

    दिल्ली हाईकोर्ट में पहलवान विनेश फोगाट के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) और उसके अध्यक्ष संजय सिंह निर्णय लेने में दिखावटी तौर से शामिल हैं.

    'फेडरेशन ने अच्छा वकील किया है, अब उम्मदें बढ़ गई हैं', पहलवान विनेश मामले पर बोले महावीर फोगाट
    कुश्ती के फाइनल में अयोग्य ठहराए जाने के बाद निराश बैठी हुईं विनेश फोगाट और उनके ताऊ महावीर फोगाट मीडिया से बात करते हुए | Photo- Social media और ANI से

    नई दिल्ली/चरखी दादरी : पेरिस ओलंपिक 2024 में कुश्ती के फाइनल से अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब विनेश फोगाट के लिए कानूनी लड़ाई शुरू हो गई है. उनके ताऊ महावीर फोगाट ने कहा कि फेडरेशन ने अच्छा वकील किया है अब उम्मदें बढ़ गई हैं. शुक्रवार को खेल पंचाट न्यायालय में सुनवाई होगी.

    गौरतलब है कि फेडरेशन मामले में देश के जाने-माने वकील हरीश साल्वे को इस केस को लड़ने के लिए वकील बनाया है. पेरिस ओलंपिक से पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराए जाने के मामले में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे करेंगे. विवाद के कानूनी और प्रक्रियात्मक पहलुओं को डील करने में साल्वे की विशेषज्ञता महत्वपूर्ण होगी.

    विनेश फोगाट के ताऊ महावीर फोगाट ने कहा, "हमारी उम्मीदें बढ़ी हैं कि कोर्ट हमारे हक में फैसला देगा. फेडरेशन ने बहुत अच्छा वकील किया है. हमें पूरी उम्मीद है."

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    विनेश का वजन बढ़ने से कुश्ती के फाइनल से अयोग्य ठहराया गया था

    गौरतलब है कि विनेश फोगाट को 50 किलोग्राम से 100 ग्राम अधिक वजन होने से उन्हें पेरिस ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल से अयोग्य ठहरा दिया गया था. इससे भारत को बड़ा झटका लगा है. जिस तरह एक ही दिन में 3 पहलवानों को हराकर विनेश फोगाट ने फाइनल में स्वर्ण पदक के लिए जगह बनाई थी उससे देश को इस ओलंपिक पहले स्वर्ण की उम्मीद बन गई थी.

    वहीं पूरे देश में लोगों ने अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक संघ की ओलचना हुई. भारत में विपक्षी दल के नेताओं ने तत्काल सरकार को मामले में दखल देने की मांग की थी और ओलंपिक को बहिष्कार करने को कहा था. लेकिन अब देश के दिग्गज वकील हरीश साल्वे इस मामले की लड़ाई लड़ेंगे, जिससे एक बार फिर से विनेश फोगाट के कुश्ती के फाइन में हिस्सा लेने की उम्मीद बढ़ गई है.

    वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने बताया इसे महत्वपूर्ण कदम

    वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा, जो विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और अन्य समेत कई प्रमुख कुश्ती खिलाड़ियों का दिल्ली उच्च न्यायालय में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने शुक्रवार को विनेश फोगाट के मामले में भारत के शीर्ष कानूनी विशेषज्ञों में से एक को शामिल करने के सरकार के फैसले की सराहना की और इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया.

    शुक्रवार को खेल पंचाट न्यायालय में होने वाली सुनवाई के बारे में बोलते हुए, जहां विनेश फोगाट की अयोग्यता के खिलाफ याचिका पर सुनवाई होगी, वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने कहा, "सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है... अभी भी इस बात की बहुत कम उम्मीद है कि विनेश ओलंपिक में रजत पदक जीत पाए, भारत में सर्वश्रेष्ठ कानूनी दिमागों में से एक का होना ये महत्वपूर्ण है. निस्संदेह, हरीश साल्वे उनमें से एक हैं. इसलिए यह सही दिशा में उठाया गया एक कदम है. मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं.

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    वकील ने कहा- मुझे उम्मीद है कि मामले को वे अनोखे ढंग से पेश करेंगे

    उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि वह इस मामले को अनोखे ढंग से पेश कर पाएंगे, क्योंकि मिसालें और सभी नियम भारत और विनेश के खिलाफ हैं. पूरा भारत, जिसमें मैं भी शामिल हूं, विनेश का समर्थन कर रहा है और भगवान से प्रार्थना कर रहा है कि किसी तरह बड़ी ताकतों का कोई जादुई हस्तक्षेप हो और उम्मीद है कि हम विनेश के लिए वैध रजत पदक हासिल कर सकें, जिसके लिए उन्होंने इतनी खूबसूरती से लड़ाई लड़ी है."

    पेरिस ओलंपिक से पहलवान विनेश फोगाट को अयोग्य ठहराए जाने के मामले में भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे करेंगे. विवाद के कानूनी और प्रक्रियात्मक पहलुओं को डील करने में साल्वे की विशेषज्ञता महत्वपूर्ण होगी. खेल पंचाट न्यायालय (सीएएस) में एडहॉक (तदर्थ) सुनवाई शुक्रवार को बाद में शुरू होने वाली है.

    मेहरा का डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष संजय सिंह पर दिखावटी फैसले लेने का आरोप 

    गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में पहलवान विनेश फोगाट के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) और उसके अध्यक्ष संजय सिंह ओलंपिक गांव में उनकी स्थिति के बारे में छद्म (दिखावटी) निर्णय लेने में शामिल हैं.

    विनेश फोगाट को बाहर किए जाने के फैसले में शामिल थे फेडरेशन के अध्यक्ष

    फोगाट और अन्य पहलवानों के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा के अनुसार, WFI की निर्वाचित कार्यकारी समिति को दिसंबर 2023 में केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित कर दिया गया था. गुरुवार को, दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि WFI के अध्यक्ष संजय सिंह पेरिस के ओलंपिक गांव में मौजूद थे और कथित तौर पर पहलवान विनेश फोगाट के बारे में फैसलों में शामिल थे, जिन्हें स्वर्ण पदक मुकाबले से पहले थोड़ा अधिक वजन होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया था.

    पहलवानों के वकील ने दावा किया कि WFI को प्रॉक्सी शक्स द्वारा चलाया जा रहा है और उन्होंने ओलंपिक गांव में सिंह की मौजूदगी पर आपत्ति जताई.

    WFI के अध्यक्ष के सेलेक्शन को कोर्ट में दी गई है चुनौती

    अदालत वर्तमान में पहलवान बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की याचिका की पर सुनवाई कर रही है, जिसमें 21 दिसंबर, 2023 को हुए WFI चुनावों की वैधता को चुनौती दी गई है, जिसमें सिंह को नया अध्यक्ष चुना गया था.

    याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि चुनावों ने खेल संहिता का उल्लंघन किया और वे WFI से कुश्ती से संबंधित अपनी गतिविधियों को बंद करने की मांग करते हैं.

    केंद्र सरकार के वकील ने चल रहे कानूनी मुद्दों के बीच विनेश फोगाट के लिए समर्थन व्यक्त किया. प्रक्रियागत उल्लंघन के कारण दिसंबर 2023 में सरकार ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को निलंबित कर दिया था. हालांकि, फरवरी 2024 में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने इस निलंबन को हटा लिया, जिसके परिणामस्वरूप WFI की देखरेख के लिए भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा गठित एडहॉक कमेटी को भंग कर दिया गया.

    दिल्ली उच्च न्यायालय 12 सितंबर, 2024 को मामले की सुनवाई जारी रखेगा.

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