यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ विवाद के बाद ब्रिटेन पहुंचे हैं. अपनी आधिकारिक यात्रा पर, जेलेंस्की अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ शनिवार को लंदन पहुंचे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने उन्हें न केवल औपचारिक रूप से, बल्कि आम लोगों के साथ मिलकर भी शानदार स्वागत किया. इस दौरान ब्रिटेन ने यूक्रेन को हर संभव सहायता देने का वादा किया, और साथ ही यूक्रेन को 2.26 अरब पाउंड का कर्ज देने का निर्णय लिया.
दोनों देशों के बीच समझौता
यह कर्ज G7 देशों की ERA क्रेडिट योजना के तहत दिया गया है. शुक्रवार को व्हाइट हाउस में ट्रंप और जेलेंस्की के बीच की बहस के अगले दिन, इस कर्ज को लेकर दोनों देशों के बीच समझौता हुआ. यूक्रेन के वित्त मंत्री ने इस कर्ज को यूक्रेन की रक्षा क्षमता को और मजबूत करने के लिए आवश्यक कदम बताया, और इसके जरिए रक्षा उपकरणों की खरीदारी की जाएगी. वे ब्रिटेन का आभार व्यक्त करते हुए इस समर्थन को बेहद महत्वपूर्ण मानते हैं. पिछले साल अक्टूबर में, G7 देशों ने यूक्रेन को 50 अरब डॉलर का कर्ज देने का संकल्प लिया था. इसमें से अमेरिका ने 20 अरब डॉलर का योगदान देने की घोषणा की थी, जबकि ब्रिटेन ने 2.8 अरब डॉलर देने का वादा किया था.
It was an honour to welcome @ZelenskyyUa to Downing Street and reiterate my unwavering support for Ukraine.
— Keir Starmer (@Keir_Starmer) March 1, 2025
I am determined to find a path that ends Russia's illegal war and ensures a just and lasting peace that secures Ukraine’s future sovereignty and security.
Slava Ukraini. pic.twitter.com/N2EQfYKoBi
शाही अंदाज में स्वागत
ब्रिटेन में जेलेंस्की का स्वागत शाही अंदाज में हुआ. शनिवार को, ब्रिटेन के किंग चार्ल्स ने सैंड्रिंघम में जेलेंस्की से आधिकारिक मुलाकात की, और उनके प्रयासों की सराहना की. प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने जेलेंस्की से कहा, "आपको और आपके देश को पूरा समर्थन प्राप्त है, और हम यूक्रेन के साथ मजबूती से खड़े हैं." जेलेंस्की ने इस समर्थन के लिए ब्रिटेन का धन्यवाद किया और कहा, "हमारे पास ऐसे दोस्त हैं, जो हमेशा हमारे साथ हैं."
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने यह भी घोषणा की कि रविवार को यूरोपीय नेताओं का एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करना और यूरोपीय रक्षा को सशक्त बनाना होगा. ब्रिटेन इस युद्ध के दौरान यूक्रेन का सबसे मजबूत सहयोगी रहा है, और जनवरी में कीव में हुई उनकी मुलाकात के दौरान, दोनों देशों ने 100 साल की साझेदारी पर हस्ताक्षर किए थे.
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