वक्फ JPC का कार्यकाल 2025 सत्र तक बढ़ाने का प्रस्ताव, जानें क्यों उठाया गया ये कदम

    जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि लगभग 6 राज्य ऐसे हैं जहां राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड के बीच संपत्तियों के स्वामित्व पर विवाद है और उन विवादों को देखते हुए जेपीसी विस्तार का फैसला किया गया है.

    वक्फ JPC का कार्यकाल 2025 सत्र तक बढ़ाने का प्रस्ताव, जानें क्यों उठाया गया ये कदम
    वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बनी जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल राज्यसभा में कार्यवाही के दौरान, प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo- ANI

    नई दिल्ली : लोकसभा ने गुरुवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का कार्यकाल बढ़ाने और 2025 के बजट सत्र के अंत में अपनी रिपोर्ट पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

    जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि बुधवार को समिति द्वारा आयोजित बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया कि लगभग 6 राज्य ऐसे हैं जहां राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड के बीच संपत्तियों के स्वामित्व को लेकर विवाद है और उन विवादों को देखते हुए जेपीसी का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है.

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    जेपीसी अध्यक्ष ने बताई कार्यकाल बढ़ाने की वजह

    उन्होंने कहा, "स्पीकर ने जेपीसी पर आदेश दिया था, लेकिन कल हुई बैठक में कहा गया कि चूंकि कुछ संपत्तियां ऐसी हैं, जहां राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड के बीच विवाद है, बोर्ड कुछ संपत्तियों को अपना बता रहा है. ऐसे 6 राज्य हैं, हमने उनसे जवाब मांगा था, लेकिन हमें उनसे कोई जवाब नहीं मिला."

    उन्होंने कहा, "अब हमने 2025 के बजट सत्र के आखिरी दिन अपने निष्कर्ष पेश करने का फैसला किया है."

    उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकार ने भी सरकारी संपत्तियों को वक्फ बोर्ड को सौंपने का फैसला किया था, लेकिन उस फैसले पर अदालत ने रोक लगा दी थी.

    पाल ने कहा, "1911 में अंग्रेजों ने मुआवजा देकर संपत्तियां अधिग्रहित की थीं, फिर 1970 के दशक में वक्फ बोर्ड ने दावा किया कि ऐसी 123 संपत्तियां उनकी हैं, फिर जब पिछली (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) सरकार ने चुनाव की घोषणा होने से ठीक पहले कैबिनेट का गठन किया तो ये समस्याएं पैदा हो गईं और कहा गया कि वे 1 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से संपत्तियां सौंप देंगे. हालांकि अदालत ने उस फैसले पर रोक लगा दी थी, अन्यथा करीब 1 लाख करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति वक्फ की होती. इसलिए हमने फैसला किया कि समयसीमा बढ़ाना बेहतर है."

    जगदंबिका पाल ने बताया विपक्ष क्यों कर रहा है शिकायत

    इससे पहले जगदंबिका पाल ने भी कहा कि विपक्ष समिति में बहुत काम होने की बेवजह शिकायत कर रहा है.

    उन्होंने कहा, "लोगों को यह भी समझना चाहिए कि लगातार लंबी बैठकें हो रही हैं. 125 घंटे से अधिक की बैठकें हो चुकी हैं. तेलंगाना, ओडिशा, असम, गुजरात, तमिलनाडु, हम वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग, सरकारी अधिकारियों से मिल चुके हैं. इसलिए वे स्पीकर से लगातार बैठकों और समिति पर काम करने की शिकायत कर रहे हैं, मैं उन्हें सप्ताह में 3 बार बुलाता हूं, दिन में 8 घंटे बैठकें हो रही हैं, इसलिए वे ऐसा कर रहे हैं."

    विपक्ष की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, "हमें एक महत्वपूर्ण जनादेश दिया गया है, हम सभी की बात सुन रहे हैं. पहले मैं काम पूरा न होने की शिकायतें देखता था, लेकिन यह पहली बार है जब मैंने विपक्ष से सुना है कि वे बहुत अधिक काम करने की शिकायत कर रहे हैं, इसलिए हमने उन्हें बहुत मौके दिए हैं, हम केवल 8 घंटे बैठक करते हैं."

    वक्फ बिल अब 2025 के बजट सत्र के आखिरी हफ्ते में पेश किए जाने की उम्मीद है.

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