श्योपुर (मध्य प्रदेश) : मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में बुधवार सुबह चीता निरवा के दो शावक मृत पाए गए. आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, रेडियो टेलीमेट्री डेटा के आधार पर, पशु चिकित्सकों के नेतृत्व में एक वन्यजीव निगरानी दल ने मादा चीता 'निरवा' के मांद स्थल का जांच-पड़ताल की.
उन्होंने दो नवजात शावकों के क्षत-विक्षत शव पाए, जांच के बाद कोई और शावक नहीं मिला.
मादा चीता निरवा स्वस्थ है. शावकों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, और पोस्टमॉर्टम से मौत का कारण पता चलेगा. बाकी चीता और 12 शावक स्वस्थ बताए गए हैं.
सिंधिया ने शावकों के जन्म को बताया था बड़ी उपलब्धि
इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में मादा चीता द्वारा शावकों को जन्म देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'चीता परियोजना' के तहत हासिल की गई उपलब्धियों की सराहना की थी.
सिंधिया ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, "अच्छी खबर! कुनो नेशनल पार्क में एक बार फिर खुशी की किलकारियां गूंजी हैं. मादा चीता निरवा ने शावकों को जन्म दिया है. यह सफलता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी 'चीता परियोजना' के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. इस खुशी के अवसर पर कुनो प्रशासन और वन विभाग की पूरी टीम को मेरी बधाई और शुभकामनाएं."
देश में लगभग विलुप्त हो चुके चीते की मौजूदगी फिर से बढाने के लिए प्रोजेक्ट चीता की शुरुआत की गई है.
प्रजातियों के पहले अंतरमहाद्वीपीय शिफ्टिंग के हिस्से के तौर पर, 20 चीतों को कुनो नेशनल पार्क में लाया गया था- सितंबर 2022 में नामीबिया से 8 और फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते लाए गए थे. उनके आने के बाद से, परियोजना को चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें आठ वयस्क चीते - तीन मादा और पांच नर चीता- मर गए.
प्रोजेक्ट चीता को नाकामी भी मिली हैं और कामयाबी भी
इन असफलताओं के बावजूद, इनके प्रजनन में कुछ सफलता मिली है, भारत में 17 शावक पैदा हुए और उनमें से 12 जीवित रहे, जिससे कुनो में शावकों समेत वर्तमान चीता की आबादी 24 हो गई. सभी 24 चीते कुनो में हैं. प्रोजेक्ट चीता के 2 साल बाद भी एक भी चीता जंगल में खुला नहीं घूम रहा है.
अधिकारियों ने रीवाइल्डिंग परियोजना में समन्वित प्रयासों को सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान और मध्य प्रदेश के अतिरिक्त जिलों समेत अन्य राज्यों के साथ चर्चा की है. अधिकारियों ने कहा कि राज्य के अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है और तैयारी कर ली गई है.
कुनो से आगे, भारत की योजना चीतों की आबादी को बाकी उपयुक्त अभ्यारण तक ले जाने की है. मध्य प्रदेश के गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में चीतों को लाने के लिए भी चर्चा चल रही है, जहां शुरुआती उपायों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.
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