नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने खेल के दौरान परिवार की उपस्थिति को महत्वपूर्ण बताया है. उनका मानना है कि जब खिलाड़ी मुश्किल दौर से गुजरते हैं, तब उनके परिवार का साथ उन्हें मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है.
मानसिक संतुलन और परिवार का महत्व
कोहली ने इस बात पर जोर दिया कि खिलाड़ी मैदान से लौटने के बाद अकेले और उदास नहीं बैठना चाहते, बल्कि वे एक सामान्य जीवन जीना चाहते हैं. इससे उन्हें अपने खेल पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित करने में सहायता मिलती है.
BCCI के नियम और खिलाड़ियों की बॉन्डिंग
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हार के बाद बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के लिए सख्त नियम लागू किए थे, जिनमें विदेश दौरों पर उनके परिवारों के साथ रहने की समय सीमा तय की गई थी. टीम के साथ खिलाड़ियों की बॉन्डिंग पर भी विशेष ध्यान दिया गया.
विराट कोहली ने इस संदर्भ में कहा, "यदि किसी खिलाड़ी से पूछा जाए कि क्या वह अपने परिवार को हमेशा अपने साथ रखना चाहेगा, तो जवाब 'हां' ही होगा. खिलाड़ी अकेले रहकर उदास नहीं होना चाहता, बल्कि वह अपने परिवार के साथ सामान्य जीवन व्यतीत करना चाहता है."
कठिन समय में परिवार का महत्व
IPL 2025 से पहले आरसीबी इनोवेशन लैब इंडियन स्पोर्ट्स समिट में कोहली से कठिन दौरों में परिवार की भूमिका पर सवाल किया गया. इस पर उन्होंने कहा, "लोगों को यह समझाना बहुत मुश्किल है कि जब आप मुश्किल दौर से गुजर रहे होते हैं, तब परिवार का समर्थन कितना अहम होता है."
उन्होंने आगे कहा, "मुझे यह बात निराशाजनक लगती है कि कुछ लोग, जो इन हालातों से अनभिज्ञ होते हैं, वे जबरदस्ती इस बहस में कूद पड़ते हैं और कहते हैं कि खिलाड़ियों के परिवारों को उनसे दूर रखना चाहिए."
परिवार के साथ बिताए गए पल खुशी के होते हैं
कोहली ने कहा, "जीवन में अलग-अलग परिस्थितियां होती हैं, लेकिन अंत में हम सामान्य जीवन की ओर लौटते हैं. जब मैं अपने परिवार के साथ होता हूं, तो यह मेरे लिए सबसे खुशी का समय होता है. मैं जब भी अवसर मिलता है, तब परिवार के साथ समय बिताने का कोई मौका नहीं छोड़ता."
प्रतिस्पर्धात्मकता पर विराट की राय
कोहली ने अपनी आक्रामकता पर बात करते हुए कहा, "पहले मेरी आक्रामकता को लेकर सवाल उठते थे, अब मेरी शांति को लेकर सवाल किए जाते हैं. सच कहूं तो मैं इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देता. मेरा ध्यान सिर्फ अपनी टीम को जीत दिलाने पर होता है."
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी विवाद पर कोहली
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान मेलबर्न टेस्ट में सैम कोंस्टास से हुए विवाद पर कोहली ने कहा, "मेरी प्रतिस्पर्धा की भूख कम नहीं हुई है. आप अपने दिमाग में आक्रामकता को बनाए रख सकते हैं, लेकिन हर बार इसे जाहिर करने की जरूरत नहीं होती. पिछले कुछ महीनों में जो भी घटनाएं हुईं, वे आदर्श नहीं थीं, और ईमानदारी से कहूं तो मुझे खुद भी अच्छा महसूस नहीं हुआ."
मेलबर्न टेस्ट के दौरान मैच के 10वें ओवर के बाद जब विराट कोहली अपनी फील्डिंग पोजीशन पर जा रहे थे, तब उन्होंने गलती से कोंस्टास को धक्का दे दिया. 19 वर्षीय कोंस्टास को यह पसंद नहीं आया और उन्होंने कोहली से कुछ कहा. मामला बढ़ने से पहले अंपायर ने स्थिति को संभाल लिया.
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