वॉशिंगटन: भारत में अमेरिकी वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले हजारों लोगों को बड़ा झटका लगा है. अमेरिकी दूतावास ने कथित तौर पर अनियमितताओं का हवाला देते हुए लगभग 2000 वीज़ा अपॉइंटमेंट रद्द कर दिए हैं. दूतावास का कहना है कि ये अपॉइंटमेंट धोखाधड़ीपूर्ण तरीके से बुक किए गए थे, जो उनकी आधिकारिक प्रक्रियाओं के खिलाफ था. इस कदम का उद्देश्य वीज़ा आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाना है.
बॉट्स और एजेंटों के जरिए बुकिंग
अमेरिकी दूतावास ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए जानकारी दी कि जिन वीज़ा अपॉइंटमेंट को रद्द किया गया है, वे बॉट्स के माध्यम से बुक किए गए थे.
दूतावास ने पोस्ट में लिखा, "हमारी कांसुलर टीम ने ऐसे नेटवर्क का पता लगाया जो अमेरिकी वीज़ा अपॉइंटमेंट्स को गैर-कानूनी तरीकों से बुक कर रहा था. इसके तहत लगभग 2000 अपॉइंटमेंट रद्द किए गए हैं और संबंधित खातों के शेड्यूलिंग विशेषाधिकार निलंबित कर दिए गए हैं. हम धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं करेंगे और भविष्य में भी इस पर कड़ी नजर रखेंगे."
फर्जी दस्तावेज और दलालों के नेटवर्क का खुलासा
इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस द्वारा भी की जा रही है. बिज़नेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय फरवरी 2025 में दर्ज की गई एक शिकायत के बाद लिया गया. जांच में पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों से 30 से अधिक लोगों का नाम सामने आया है, जिन पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीज़ा हासिल करने का आरोप है.
एफआईआर के मुताबिक—
आईपी ट्रैकिंग से पकड़ा गया नेटवर्क
अमेरिकी दूतावास ने बताया कि उन्होंने आईपी एड्रेस ट्रैकिंग का उपयोग करके इस नेटवर्क की पहचान की. उन्होंने पाया कि—
कानूनी कार्रवाई और संभावित परिणाम
दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 318, 336 और 340 और आईटी एक्ट की धारा 66(D) के तहत आरोप दायर किए हैं. इस मामले में शामिल अन्य लोगों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है.
अमेरिकी दूतावास ने इस घोटाले को गंभीर सुरक्षा मुद्दा बताया है, जिससे भारत और अमेरिका दोनों प्रभावित हो सकते हैं. उन्होंने भारतीय अधिकारियों से जांच तेज करने की अपील की है ताकि वीज़ा आवेदन प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाया जा सके.
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