US को मिलेगा रेयर अर्थ मटेरियल, बदले में... अमेरिका-चीन के बीच हुई ट्रेड डील, क्या बढ़ेगी दोस्ती?

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते की घोषणा की है, जो दोनों देशों के तनावपूर्ण आर्थिक संबंधों में एक नया मोड़ लाने वाला है.

    Trade deal between America and China
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- ANI

    वॉशिंगटन/बीजिंग: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में अमेरिका और चीन के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते की घोषणा की है, जो दोनों देशों के तनावपूर्ण आर्थिक संबंधों में एक नया मोड़ लाने वाला है. इस डील के तहत चीन अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) की आपूर्ति करेगा, जबकि अमेरिका चीनी छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के द्वार खोलने पर सहमत हुआ है.

    क्या है समझौते की प्रमुख बातें?

    इस व्यापार समझौते के तहत:

    • चीन अमेरिका को रेयर अर्थ मिनरल्स की सप्लाई देगा.
    • अमेरिका चीनी छात्रों को अपने कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में शिक्षा का मौका देगा.

    अमेरिका ने दावा किया है कि इस डील से उसे टैरिफ में 55% का फायदा मिलेगा, जबकि चीन को लगभग 10% लाभ होगा. हालांकि, इस टैरिफ स्ट्रक्चर की पूरी रूपरेखा अभी सार्वजनिक नहीं की गई है.

    रेयर अर्थ मिनरल्स क्यों हैं इतने अहम?

    रेयर अर्थ मिनरल्स कुल 17 महत्वपूर्ण खनिजों का समूह होते हैं, जिनमें लैंथेनम, नियोडिमियम, प्रासियोडिमियम जैसे तत्व शामिल हैं.
    इनका इस्तेमाल आधुनिक तकनीकी उपकरणों जैसे:

    • स्मार्टफोन
    • इलेक्ट्रिक वाहन
    • विंड टरबाइन
    • सौर पैनल

    उन्नत बैटरियों में बड़े पैमाने पर होता है.

    ये खनिज दुर्लभ नहीं होते, लेकिन इनका खनन और शुद्धिकरण बेहद कठिन और महंगा होता है. चीन इस समय वैश्विक रेयर अर्थ सप्लाई का लगभग 70% नियंत्रित करता है. बीते वर्षों में चीन ने इस क्षेत्र में भारी निवेश किया है, जिससे उसकी वैश्विक पकड़ और मजबूत हुई है.

    डील को अंतिम रूप देने की तैयारी

    इस डील की घोषणा के बाद अब निगाहें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर टिकी हैं, जिनकी अंतिम मंजूरी के बाद यह समझौता औपचारिक रूप से लागू होगा. अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने कहा कि यह डील पिछले महीने जिनेवा में हुई वार्ता का ही विस्तार है, जिसमें दोनों देशों ने पुराने टैरिफ विवादों को सुलझाने का रास्ता खोजा था.

    चीन के वरिष्ठ अधिकारी ली चेंगगांग ने भी इस डील को सकारात्मक करार दिया और कहा कि यह दोनों देशों के आर्थिक रिश्तों में नई ऊर्जा लाएगा.

    कैसे कम हुआ दोनों देशों के बीच तनाव?

    कुछ समय पहले तक अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध अपने चरम पर था. अमेरिका ने मई में चीनी सामानों पर 145% टैरिफ लगा दिए थे, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर 125% तक आयात शुल्क बढ़ा दिया था. इससे दोनों देशों के बीच सालाना 600 अरब डॉलर का व्यापार लगभग ठप हो गया था.

    हालांकि मई में जिनेवा में हुई बातचीत के बाद दोनों देशों ने एक अस्थायी राहत देते हुए टैरिफ में 115% की कटौती की और इसे 90 दिनों के लिए लागू किया. उस बैठक के बाद से दोनों देशों के बीच डिप्लोमेटिक बातचीत में नरमी देखी गई.

    अमेरिकी अधिकारियों का क्या कहना है?

    अमेरिका का मानना है कि यह डील व्यापार घाटा कम करने और टेक्नोलॉजी सेक्टर में सप्लाई चेन की सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी जीत है. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, यह समझौता अमेरिकी कंपनियों को रेयर अर्थ मिनरल्स की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, जो उनके लिए रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है.

    ये भी पढ़ें- मुस्लिम बढ़े, ईसाई कम हुए, हिंदुओं की अबादी... 10 साल में कितनी बदली धार्मिक जनसंख्या, देखें रिपोर्ट