नई दिल्ली : ओम बिरला के 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने जाने के बाद, बुधवार को कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने स्पष्ट किया कि विपक्ष ने रचनात्मक कदम के तौर पर मत विभाजन की मांग नहीं की है.
विपक्ष ने के सुरेश को इंडिया ब्लॉक के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के तौर पर उतारा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेश किए गए और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा समर्थित प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया, जिसके बाद सदन में 'हां' और 'ना' की गूंज सुनाई दी और प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब ने ओम बिरला को निचले सदन का अध्यक्ष घोषित कर दिया.
यह भी पढे़ं : प्रोटेम स्पीकर ने मत विभाजन नहीं कराया, BJP के पास नंबर्स नहीं- LS स्पीकर चुनाव पर बोले अभिषेक बनर्जी
जयराम रमेश ने कहा- हम चाहते थे सर्वसम्मति
संसद परिसर में जयराम रमेश ने कहा, "...मैं आपको औपचारिक रूप से बता रहा हूं, हमने मत विभाजन की मांग नहीं की...हमने इसकी मांग इसलिए नहीं की क्योंकि हमें यह उचित लगा कि पहले दिन सर्वसम्मति हो. यह हमारी ओर से एक रचनात्मक कदम था. हम मत विभाजन की मांग कर सकते थे."
इस बार अध्यक्ष की नियुक्ति दिलचस्प रही क्योंकि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सर्वसम्मति नहीं होने के बाद दशकों में पहली बार चुनाव हुआ. परंपरागत रूप से, लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सर्वसम्मति से होता है. राजस्थान के कोटा से तीन बार सांसद रहे भाजपा के ओम बिरला और केरल के मावेलीकारा से आठ बार सांसद रहे कोडिकुन्निल सुरेश के बीच मुकाबला तब हुआ जब एनडीए ने विपक्षी दल की इस मांग को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देने के बदले में उपाध्यक्ष का पद विपक्ष के लिए छोड़ दिया जाए.
24 जून से शुरू हुआ सत्र 3 जुलाई को होगा समाप्त
543 सदस्यों वाली लोकसभा में 293 सांसदों वाली एनडीए पार्टी ने अपना स्पष्ट बहुमत साबित कर दिया है, जिससे ओम बिड़ला अपनी कुर्सी पर वापस लौट आए हैं. 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून को शुरू हुआ और 3 जुलाई को समाप्त होगा. राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून को शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा. 27 जून को राष्ट्रपति मुर्मू संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे.
यह भी पढे़ं : ओम बिरला दोबारा चुने गए लोकसभा स्पीकर, जानें अभी तक संसद के निचले सदन में बने हैं कितने अध्यक्ष