'लोकतंत्र में उम्मीदें हमेशा बनी रहनी चाहिए', केंद्र में BJP की सरकार बनने पर बोले अखिलेश यादव

    यादव ने कहा- उनके पास संख्या है, इसलिए राष्ट्रपति ने उन्हें शपथ ग्रहण समारोह के लिए बुलाया है. कुछ समय बाद अगर किसी और पार्टी के पास संख्या होगी तो वे भी सरकार बना सकते हैं.

    'लोकतंत्र में उम्मीदें हमेशा बनी रहनी चाहिए', केंद्र में BJP की सरकार बनने पर बोले अखिलेश यादव
    समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, फाइल फोटो.

    नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अयोध्या की जनता के प्रति आभार व्यक्त किया और केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के गठन पर अपने विचार व्यक्त किए.

    समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, "उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव मुद्दों पर आधारित थे और राज्य की जनता ने अपने मुद्दों और समस्याओं पर वोट दिया है, जिसके कारण भारतीय जनता पार्टी की भारी हार हुई है."

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    अयोध्या में भाजपा की हार पर कहा- उसने यहां अत्याचार किया

    अयोध्या में भाजपा की अप्रत्याशित हार के बाद यादव ने कहा, "भाजपा उत्तर प्रदेश में और भी सीटें हार सकती थी. उन्होंने अयोध्या की जनता पर अत्याचार किया है. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में हेराफेरी की गई, लोगों पर झूठे आरोप लगाए गए, उनकी जमीनें हड़पी गईं और उचित मुआवजा नहीं दिया गया."

    यादव ने कहा, "उन्होंने व्यापारियों के साथ भी अन्याय किया. उन्होंने तीर्थ स्थल बनाने के लिए गरीब परिवारों को उजाड़ा और मेरा मानना ​​है कि अयोध्या में भाजपा की हार का मुख्य कारण यही है. साथ ही, मैं अयोध्या की जनता के प्रति आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिन्होंने समाजवादी पार्टी के पक्ष में मतदान किया."

    केंद्र सरकार बनने पर ये बोले अखिलेश

    केंद्र में एनडीए की सरकार बनने के बारे बोलते हुए यादव ने कहा, "जब किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है, तो सरकार का गठन कई कारकों पर निर्भर करता है. कभी-कभी, आपको सरकार बनाने के लिए लोगों को संतुष्ट करने की आवश्यकता होती है और इसी तरह के प्रयास और निर्णय अभी भी देखे जा सकते हैं. मुझे उम्मीद है कि भविष्य में लोग उन लोगों के साथ खड़े होंगे जो संविधान और आरक्षण और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए काम करेंगे."

    उन्होंने केंद्र में भाजपा नीत एनडीए की सरकार बनने की अटकलों पर भी प्रतिक्रिया दी और कहा, "अगर कोई अन्य पार्टियों को खुश करने की कोशिश कर रहा है, तो हम भी ऐसा कर सकते हैं. लोकतंत्र में उम्मीदें हमेशा पनपनी चाहिए. अगर वे सरकार बना रहे हैं तो यह अच्छी बात है. शपथ ग्रहण समारोह तो हमेशा होते रहते हैं. उनके पास संख्या है, इसलिए राष्ट्रपति ने उन्हें शपथ ग्रहण समारोह के लिए बुलाया है. कुछ समय बाद अगर किसी और पार्टी के पास संख्या होगी तो वे भी सरकार बना सकते हैं."

    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज करते हुए उन्होंने कहा, "अगर वे दिल्ली की ओर जा रहे हैं तो उन्हें वहीं रोक दें और उत्तर प्रदेश वापस न भेजें."

    कहा- अग्निवीर योजना तत्काल खत्म की जाए

    मोदी सरकार की अग्निवीर योजना की आलोचना करते हुए सपा प्रमुख ने कहा, अग्निवीर योजना को तत्काल प्रभाव से खत्म किया जाना चाहिए और सरकार को इसे अपनी गलती मान लेना चाहिए. इसके साथ ही सरकार को व्यक्तियों का ध्यान रखना चाहिए और बेरोजगार युवाओं व सैन्य बलों में भर्ती होने के इच्छुक लोगों को आयु सीमा में छूट देनी चाहिए.

    भाजपा को राज्य में मिला है बड़ा झटका, सपा को भारी बढ़त

    भाजपा को बड़ा झटका तब लगा जब उसे 2019 के लोकसभा चुनावों में 63 सीटों के मुकाबले इस बार राज्य में मात्र 33 सीटें मिली हैं, जबकि उसका वोट शेयर 41.37 प्रतिशत रहा. जबकि कांग्रेस के साथ मिलाकर उसका वोट शेयर 43.05 प्रतिशत पर पहुंच गया. उसे इस बार बीएसपी के वोटरों का भी मत मिला है. 

    भाजपा की सबसे ज्यादा नजर जिन सीटों पर गई, उनमें फैजाबाद, अमेठी और रायबरेली शामिल हैं.

    वहीं समाजवादी पार्टी ने अकेले 37 सीटें हासिल कीं, जिससे राज्य में उसकी स्थिति में भारी सुधार हुआ. सपा का वोट शेयर 33.59 प्रतिशत रहा. भाजपा की जीत का आंकड़ा 2019 के 303 और 2014 में जीती गई 282 सीटों से काफी कम रहा. वहीं कांग्रेस ने 99 सीटें जीतकर मजबूत बढ़त दर्ज की. जबकि 2019 में उसे 52 और 2014 में 44 सीटें मिली थीं.

    गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आए हैं. बीजेपी एनडीए गठबंधन के साथ केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है.

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