'2051 तक असम मुस्लिम बहुल राज्य हो जाएगा', CM हिमंता ने कांग्रेस पर लगाया अनदेखी, तुष्टीकरण का आरोप

    सरमा ने 'X' पर कहा. "आंकड़े खुद बोलते हैं. असमिया पत्रकार @mrinaltalukdar8 के विश्लेषण से पता चलता है कि अगर मौजूदा रुझान जारी रहे तो 2051 तक असम मुस्लिम बहुल राज्य बन सकता है."

    '2051 तक असम मुस्लिम बहुल राज्य हो जाएगा', CM हिमंता ने कांग्रेस पर लगाया अनदेखी, तुष्टीकरण का आरोप
    रांची के रिम्स अस्पताल पहुंचे हिमंता बिस्वा सरमा पत्रकारों से बात करते हुए | Photo- ANI

    गुवाहाटी (असम) : असम सरकार द्वारा बाल विवाह को रोकने और विवाह और तलाक पंजीकरण में समानता सुनिश्चित करने के लिए असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 को निरस्त करने के निर्णय पर हो रही आलोचनाओं के बीच, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक "जाने-माने असमिया पत्रकार" के विश्लेषण का हवाला दिया, जिसमें दिखाया गया था कि 2051 तक असम, मुस्लिम बहुल राज्य बनने की दिशा में कैसे आगे बढ़ रहा है.

    सरमा ने 'X' पर एक पोस्ट में कहा. "@INCIndia की आलोचना के बावजूद, आंकड़े खुद बोलते हैं. प्रख्यात असमिया पत्रकार @mrinaltalukdar8 के विश्लेषण से पता चलता है कि अगर मौजूदा रुझान जारी रहे तो 2051 तक असम मुस्लिम बहुल राज्य बन सकता है."

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    सरमा ने कहा- आंकड़े खुद बोलते हैं, हकीकत नहीं बदलती

    कथित "अल्पसंख्यक तुष्टीकरण" को लेकर विपक्षी कांग्रेस की आलोचना करते हुए सरमा ने कहा, "इन जनसांख्यिकीय परिवर्तनों को अनदेखा करने से वास्तविकता नहीं बदलेगी. अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के प्रति कांग्रेस का दृष्टिकोण खतरनाक रूप से अदूरदर्शी है."

    असम के मुख्यमंत्री ने मृणाल तालुकदार द्वारा लिखित पुस्तक "द गेम कॉल्ड एनआरसी" के कवर की तस्वीरें और अपने तर्क को सही ठहराने वाले पुस्तक के प्रासंगिक अंश भी साझा किए, जिन्हें लाल रंग के से गोला किया गया है. पुस्तक में उल्लेख किया गया है, "वर्तमान जनसंख्या वृद्धि दर के साथ, असम 2051 में मुस्लिम बहुल राज्य बन जाएगा. यह बहुसंख्यक हिंदुओं के अंदर मौजूद डर है. आधी सदी से भी अधिक समय से, असम में मुस्लिम आबादी की उच्च वृद्धि को प्रमुख लेखों द्वारा सीमा पार घुसपैठ के परिणाम के रूप में समझाने की कोशिश की गई है."

    असम ने कहा- यह उनके लिए 'जीने-मरने' का मामला है

    इससे पहले बुधवार को, सीएम सरमा ने "जनसांख्यिकी बदलने" के मुद्दे पर अपनी चिंताओं को दोहराया, और कहा कि यह उनके लिए "जीने और मरने" का मामला है. सरमा ने कुछ आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 1951 में मुस्लिम आबादी 12 प्रतिशत थी और अब 40 प्रतिशत हो गई है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि 'अवैध अप्रवासी' उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना आदिवासी लड़कियों से शादी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अवैध अप्रवासी आदिवासी बेटियों से शादी कर रहे हैं, लेकिन कानून के तहत उचित जांच नहीं हो रही है. अगर कोई आदिवासी बेटी अवैध अप्रवासी से शादी करती है तो उसका शोषण रोकने के लिए भाजपा कानून बनाएगी.

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