महावीर जयंती पर पीएम मोदी ने कहा, "भारत अकेले अपने लिए नहीं सोचता..."

    प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने 21 अप्रैल को देशवासियों को महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) की शुभकामनाएं दी. उन्होंने विश्व की कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जो दिया और बताया कि भारत न सिर्फ दुनिया की सबसे जीवीत सभ्यता है, बल्कि मानवता के लिए सुरक्षित स्वर्ग भी है. देश सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि पूरे मानवता के लिए सोचता है. 

    महावीर जयंती पर पीएम मोदी ने कहा, "भारत अकेले अपने लिए नहीं सोचता..."
    PM Modi/ Twitter

    PM Modi on Mahavir Jayanti

    नई दिल्ली:
    प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने 21 अप्रैल को देशवासियों को महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) की शुभकामनाएं दी. उन्होंने विश्व की कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जो दिया और बताया कि भारत न सिर्फ दुनिया की सबसे जीवीत सभ्यता है, बल्कि मानवता के लिए सुरक्षित स्वर्ग भी है. देश सिर्फ अपने लिए नहीं बल्कि पूरे मानवता के लिए सोचता है. 

    दिल्ली के भारत मंडपम में 2550वें भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "भारत न केवल दुनिया की सबसे पुरानी जीवित सभ्यता है, बल्कि मानवता के लिए एक सुरक्षित आश्रय स्थल भी है. यह भारत है जो अपने लिए नहीं बल्कि संपूर्ण के लिए सोचता है. यह अहंकार के बारे में नहीं बल्कि माया के बारे में सोचता है.  यह सीमा में नहीं, अनंत में विश्वास करता है. भारत नीति और नियति के बारे में बात करता है. यह जीवीत प्राणी में भगवान के बारे में बात करता है.” 


    भारत की विकास हमारी सांस्कृतिक छवि का बड़ा योगदान 

    वैश्विक मंच पर भारत की उभरती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, पीएम मोदी ने इस नई जिम्मेदारी का श्रेय भारत की बढ़ती क्षमताओं और परिष्कृत विदेश नीति रणनीतियों को दिया. उन्होंने कहा, "आज संघर्ष में फंसी दुनिया भारत से शांति की उम्मीद कर रही है. भारत की इस नई भूमिका का श्रेय हमारी बढ़ती क्षमता और विदेश नीति को दिया जा रहा है. लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं, हमारी सांस्कृतिक छवि ने इसमें बड़ा योगदान दिया है." 

    कई महान सभ्यताएं समाप्त हुई, लेकिन भारत नहीं

    प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "हम कभी भी दूसरे देशों पर हमला करके उन्हें जीतने नहीं गए.  हमने खुद में सुधार करके अपनी कमियों पर काबू पाया है. यही कारण है कि कठिन समय आया है और हर युग में कोई न कोई ऋषि हमारा मार्गदर्शन करने के लिए अवतरित हुआ है. कई महान सभ्यताएं समाप्त हो गईं, लेकिन भारत अपना रास्ता खोज लिया.''

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