नई दिल्ली: न्यूजीलैंड के पूर्व तेज गेंदबाज शेन बॉन्ड ने भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार पेसर जसप्रीत बुमराह को लेकर बड़ी सलाह दी है. बॉन्ड का मानना है कि अगर बुमराह की पीठ की चोट दोबारा गंभीर हो जाती है, तो उनका करियर खतरे में पड़ सकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय टीम को बुमराह का वर्कलोड संभालना चाहिए और उन्हें एक टेस्ट सीरीज में दो से ज्यादा मुकाबले नहीं खेलने चाहिए.
T20 से टेस्ट में स्विच करना जोखिम भरा
शेन बॉन्ड ने यह भी कहा कि T20 क्रिकेट से सीधे टेस्ट क्रिकेट में जाना तेज गेंदबाजों के लिए खतरनाक हो सकता है. IPL के दौरान गेंदबाजों को कम ओवर डालने पड़ते हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में यह आंकड़ा कई गुना बढ़ जाता है. IPL में हफ्तेभर में तीन मैच खेलने होते हैं, सफर करना पड़ता है और पर्याप्त रेस्ट नहीं मिल पाता. इसके विपरीत, टेस्ट क्रिकेट में एक गेंदबाज को लंबी स्पेल में लगातार बॉलिंग करनी होती है, जिससे चोट का खतरा बढ़ जाता है.
बुमराह की चोट और उनकी वापसी
बुमराह को हाल ही में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) के आखिरी टेस्ट के दौरान पीठ में दर्द की शिकायत हुई थी. यह चोट 2023 में हुई उनकी सर्जरी के बाद उसी जगह पर हुई थी. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की मेडिकल टीम और विदेशी डॉक्टरों की सलाह के बाद वह बेंगलुरु के नेशनल क्रिकेट अकादमी (NCA) में रिहैब कर रहे हैं.
चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हुए थे बुमराह
बुमराह को पहले चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारत की टीम में शामिल किया गया था, लेकिन चोट के कारण हर्षित राणा को उनकी जगह टीम में शामिल किया गया. अब यह भी स्पष्ट नहीं है कि वह IPL 2025 में मुंबई इंडियंस के लिए खेलेंगे या नहीं.
इंग्लैंड दौरे पर दो टेस्ट से ज्यादा न खेलें- बॉन्ड
बॉन्ड ने सुझाव दिया कि बुमराह को IPL के बाद इंग्लैंड दौरे पर 5 टेस्ट की पूरी सीरीज नहीं खेलनी चाहिए. 28 जून से 3 अगस्त तक चलने वाली इस टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम को उनके वर्कलोड को ध्यान में रखते हुए सिर्फ दो टेस्ट खिलाने चाहिए.
बुमराह का वर्कलोड चिंता का विषय
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) में बुमराह ने 32 विकेट झटके और प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने. उन्होंने 2024 में 13 टेस्ट में 71 विकेट लिए और 200 टेस्ट विकेट का आंकड़ा पार किया. 14.92 की औसत से 200 विकेट लेने वाले बुमराह टेस्ट इतिहास के पहले गेंदबाज बने. हालांकि, इतनी ज्यादा गेंदबाजी करने के बाद उनका वर्कलोड प्रबंधन अहम हो जाता है.
शेन बॉन्ड का अनुभव और सलाह
शेन बॉन्ड ने खुद पीठ की सर्जरी करवाई थी और चोटों के कारण 34 साल की उम्र में रिटायर होना पड़ा. उन्होंने अपने अनुभव से बताया कि अगर बुमराह को लंबे करियर तक खेलना है, तो उन्हें सावधानी से वर्कलोड मैनेज करना होगा.
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