Mon, 03 Mar 2025 11:35 AM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय गुजरात में हैं, जहां उन्होंने सोमवार सुबह विश्व वन्यजीव दिवस के मौके पर जूनागढ़ जिले के गिर वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी का अनुभव लिया. यह सफारी उनके लिए एक विशेष अनुभव था, क्योंकि यह इलाके में एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक आवास है, जिनकी सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं.
प्रधानमंत्री मोदी सोमनाथ दर्शन के बाद सासण स्थित वन अतिथि गृह 'सिंह सदन' में रात्रि विश्राम के लिए रुके थे. रविवार शाम को उन्होंने सोमनाथ मंदिर में भगवान शिव की पूजा भी की थी, जो कि 12 ज्योतिर्लिंगों में पहला ज्योतिर्लिंग है. इसके बाद प्रधानमंत्री ने ‘सिंह सदन’ से गिर अभयारण्य की ओर प्रस्थान किया, जहां वे जंगल सफारी के साथ-साथ वन्यजीवों के संरक्षण के बारे में जानकारियां प्राप्त करने के लिए गए थे.
इस दौरान उनके साथ कुछ मंत्रियों और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी थे. प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (एनबीडब्ल्यूएल) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें गिर अभयारण्य और एशियाई शेरों के संरक्षण से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.
केंद्र सरकार ने एशियाई शेरों के संरक्षण के लिए ‘प्रोजेक्ट लॉयन’ के तहत 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की है. ये शेर केवल गुजरात के गिर वन्यजीव अभयारण्य में पाए जाते हैं, और अब इनकी संख्या बढ़ाने के लिए कई संरक्षण उपाय किए जा रहे हैं. फिलहाल, ये शेर गुजरात के 53 तालुकों में फैले लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में निवास करते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को जामनगर स्थित रिलायंस रिफाइनरी परिसर में स्थित पशु बचाव और पुनर्वास केंद्र 'वनतारा' का भी दौरा किया. यह केंद्र उन बंदी हाथियों और अन्य वन्यजीवों के कल्याण के लिए समर्पित है, जिन्हें शोषण और दुर्व्यवहार से बचाया गया है. यहां जानवरों को शरण, चिकित्सा देखभाल और पुनर्वास की सुविधा दी जाती है.
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा गुजरात के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों को बढ़ावा देने और एशियाई शेरों के संरक्षण में मदद करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है.