प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान राम से जुड़े तीर्थस्थलों को नया रूप देने में जुटे हैं. इस कड़ी में, अयोध्या के बाद अब तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक खूबसूरत ब्रिज का तोहफा देने जा रहे हैं. यह वही जगह है जहां भगवान राम के चरण पड़े थे. जी हां, हम बात कर रहे हैं पंबन ब्रिज (Pamban Bridge) की, जो मन्नार की खाड़ी (Gulf of Mannar) पर स्थित है. यह वही स्थान है जहां से भगवान राम ने लंका जाने के लिए रामसेतु (Adam’s Bridge) का निर्माण करवाया था. इस ब्रिज को रामनवमी के दिन प्रधानमंत्री मोदी देशवासियों को समर्पित करेंगे, और इसका डिज़ाइन देखकर आप भी हैरान रह जाएंगे.
समुद्र के ऊपर बना हुआ है पंबन ब्रिज
पंबन ब्रिज समुद्र के ऊपर बना हुआ है और यह रामेश्वरम को भारत की मुख्य भूमि, यानी मंडपम, से जोड़ता है. वैज्ञानिक अध्ययनों और नासा की तस्वीरों से यह साबित हो चुका है कि पंबन के पास समुद्र में एक पुरानी चट्टानी श्रृंखला पाई गई है, जो रामसेतु जैसी लगती है. माना जाता है कि यह सेतु पंबन से लेकर श्रीलंका तक फैला हुआ था. इसी वजह से सरकार ने इस ब्रिज का नाम पंबन ब्रिज रखा है.
पंबन ब्रिज न केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, बल्कि यह कई ऐतिहासिक घटनाओं और संघर्षों का गवाह भी रहा है. यह ब्रिज कैंटिलीवर ब्रिज (Cantilever Bridge) है, जो समुद्र तल से 12.5 मीटर की ऊंचाई पर बना है. इस ब्रिज का डिज़ाइन इतना अद्भुत है कि इसे बीच से खोला जा सकता है, ताकि समुद्री जहाज आसानी से गुजर सकें. इसे "डबल-लीफ बेसक्यूल ब्रिज" (Double-leaf Bascule Bridge) कहा जाता है. इसके दोनों पत्तों को मैन्युअल रूप से लीवर की मदद से उठाया और नीचे किया जाता था. प्रत्येक पत्ते का वजन लगभग 415 टन है. इस ब्रिज में 143 खंभे लगाए गए हैं, जो इसे चक्रवात जैसी स्थितियों में भी मजबूती से खड़ा रखेंगे.
1911 में शुरू हुआ था निर्माण
पंबन ब्रिज का निर्माण 1911 में शुरू हुआ था और 1914 में इसे यातायात के लिए खोल दिया गया. यह भारत का पहला समुद्री पुल था. यह पुल मन्नार की खाड़ी पर बना है और रामेश्वरम द्वीप को तमिलनाडु के मंडपम से जोड़ता है. हालांकि, 1954 में एक बड़ा हादसा हुआ था, जब एक तूफान के कारण एक ट्रेन पुल से गिरकर समुद्र में समा गई, जिसमें कई यात्रियों की मौत हो गई थी. फिर 1964 में आए एक चक्रवात ने इस पुल को काफी नुकसान पहुंचाया. 2019 में भारतीय रेलवे ने इसकी डिज़ाइन में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए, जिससे यह और भी मजबूत और सुरक्षित हो गया.
ये भी पढ़ेंः PM मोदी की तरफ टकटकी भरी निगाहों से देख रहे थे यूनुस, प्रधानमंत्री ने एक ही बार में पूरी कर दी मुराद