नेपाल से सटे जिलों में CM योगी का एक्शन, 6 दिनों में 82 मदरसे सील, अवैध कब्जों पर चला बुलडोजर

    उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य की सीमा सुरक्षा और आंतरिक कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. खासतौर पर भारत-नेपाल सीमा से सटे जिलों में अवैध रूप से संचालित धार्मिक स्थलों, मदरसों और अन्य निर्माणों के खिलाफ  व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. 

    Yogi Adityanath governments bulldozer action against illegal madrasas and encroachments on India Nepal border
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: ANI

    उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य की सीमा सुरक्षा और आंतरिक कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. खासतौर पर भारत-नेपाल सीमा से सटे जिलों में अवैध रूप से संचालित धार्मिक स्थलों, मदरसों और अन्य निर्माणों के खिलाफ  व्यापक अभियान चलाया जा रहा है. 

    सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीते छह दिनों में ही 82 अवैध मदरसों को बंद कराया गया है, जबकि 350 से अधिक अतिक्रमणों को हटाया गया है. यह कार्रवाई मुख्य रूप से बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और श्रावस्ती जैसे जिलों में की गई है, जो नेपाल सीमा से सटे हुए हैं.

    राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन की संयुक्त कार्रवाई

    इस अभियान में राजस्व विभाग और पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीमें लगी हुई हैं. राज्य सरकार के निर्देश पर इन सीमावर्ती जिलों में चल रहे गैरकानूनी धार्मिक संस्थानों की जांच की जा रही है. बहराइच के नानपारा और मिहींपुरवा तहसीलों में अब तक 135 अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए हैं. सिद्धार्थनगर में 17 अवैध निर्माणों को गिराया गया है जिनमें 3 मस्जिदें और 14 मदरसे शामिल हैं. 

    श्रावस्ती में 41 अवैध मदरसों पर एक्शन

    पीलीभीत और महराजगंज में भी अवैध मदरसों को सील किया गया है. वहीं बलरामपुर में 8 मदरसों को नोटिस जारी किया गया है, 3 मजारों से अवैध कब्जा हटाया गया और 5 अन्य निर्माणों को चिन्हित किया गया है. अब तक 16 अतिक्रमण चिन्हित किए गए हैं और 3 पर कार्रवाई हो चुकी है. इसके श्रावस्ती में 41 अवैध मदरसों पर कार्रवाई की गई है. नेपाल सीमा के 15 किलोमीटर के दायरे में अब तक 139 अतिक्रमण हटाए गए हैं, जिनमें सरकारी जमीन पर बनी एक मस्जिद भी शामिल है.

    अवैध कब्जों और मदरसों पर क्यों हो रही कार्रवाई?

    सरकार का कहना है कि यह अभियान किसी विशेष समुदाय को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि कानून व्यवस्था और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए चलाया जा रहा है. सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ते अवैध निर्माणों और बाहरी प्रभाव की आशंकाओं को देखते हुए यह कार्रवाई आवश्यक मानी जा रही है.

    ये भी पढ़ें: पाकिस्तान की हलक में अटकी जान, गंगा एक्सप्रेसवे पर रात में जमकर गरजे राफेल-जगुआर, देखें वीडियो