जब गर्मी अपने चरम पर हो और सूरज आसमान से आग बरसा रहा हो, तब आमतौर पर लोग घरों में रहने की सलाह देते हैं. लेकिन दुबई की एक महिला ने इस भीषण गर्मी का कुछ अलग ही इस्तेमाल किया और ऐसा कारनामा कर दिखाया कि सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई. गर्मी के मौसम में अक्सर मजाक उड़ाया जाता है कि "दुबई में तो फुटपाथ पर भी अंडा पक सकता है." लेकिन इस महिला ने इस मजाक को हकीकत में बदल दिया — और वो भी बिना गैस या स्टोव के.
बिना आग के बना लिया ऑमलेट
इस वायरल वीडियो में महिला को अपनी बिल्डिंग की बालकनी में देखा जा सकता है. वह वहां एक फ्राइंग पैन को सीधा धूप में रखती है. कुछ देर में वह पैन में तेल डालती है और फिर दो अंडे तोड़कर उसमें डाल देती है. देखते ही देखते अंडे फ्राई होने लगते हैं और कुछ ही मिनटों में पक जाते हैं. इतना ही नहीं, महिला अंडे को प्लेट में परोसकर खा भी लेती है. वीडियो को देखकर यकीन करना मुश्किल है कि सिर्फ सूरज की गर्मी से खाना पकाना संभव है, लेकिन यह वीडियो यही दिखाता है.
POV : You live in Dubai 🙂 pic.twitter.com/3JtmJBMNCD
— Alma (@salmagedone) May 14, 2025
वीडियो ने मचाया सोशल मीडिया पर तहलका
इस हैरतअंगेज वीडियो को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर @salmagedone नाम की यूजर ने शेयर किया और लिखा, "देखिए, दुबई में हम ऐसे अंडे पकाते हैं." इस वीडियो को अब तक 15.3 मिलियन से ज्यादा बार देखा जा चुका है. लोग इसपर खूब कमेंट कर रहे हैं और अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
वीडियो पर उठा सवाल
हालांकि, कुछ यूजर्स इस वीडियो की प्रामाणिकता पर सवाल भी उठा रहे हैं. कुछ का कहना है कि वीडियो में कट साफ दिख रहे हैं और पैन को पहले से ही गैस पर गर्म किया गया होगा. एक यूजर ने लिखा, "तेल इतनी जल्दी गर्म नहीं हो सकता, पैन पहले से प्रीहीट किया गया है." वहीं दूसरे ने कहा, कि "दुबई में गर्मियों में तापमान 50°C तक पहुंच जाता है. UV इंडेक्स इतना हाई होता है कि बाहर 10 मिनट रहना भी मुश्किल हो जाता है."
क्या वास्तव में ऐसा संभव है?
वैज्ञानिक तौर पर देखें तो यह संभव है कि यदि धातु की सतह सूरज की रोशनी में लंबे समय तक रखी जाए तो वह अत्यधिक गर्म हो सकती है. खासकर दुबई जैसे शहर में, जहां का तापमान और UV इंडेक्स दोनों ही उच्च स्तर पर होते हैं. हालांकि, अंडे को पकाने के लिए पैन का तापमान लगभग 70-80°C होना चाहिए — और इतनी गर्मी केवल सूरज की रोशनी से हासिल करना संभव तो है, लेकिन कुछ परिस्थितियों पर निर्भर करता है.