Operation Sindoor: उत्तर प्रदेश सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद समाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक बड़ा निर्णय लिया है. सरकार की सामूहिक विवाह योजना में अब कन्याओं को सिंदूरदान (सिंधौरा) भी उपहार स्वरूप दिया जाएगा. यह बदलाव केवल एक प्रतीक नहीं, बल्कि संस्कृति और सम्मान का संवेदनशील प्रयास माना जा रहा है.
बढ़ी आय सीमा, बढ़ा लाभ
योजना का दायरा भी अब और व्यापक कर दिया गया है. पहले जहां कन्या पक्ष की अधिकतम आय सीमा दो लाख रुपये थी, अब उसे तीन लाख रुपये कर दिया गया है. वहीं प्रति जोड़े पर खर्च की सीमा को भी 51 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया है. इस संबंध में सरकार की ओर से नया शासनादेश भी जारी हो चुका है.
कौन उठा सकता है योजना का लाभ?
कन्या के अभिभावक का उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य है. विवाह की न्यूनतम आयु की पुष्टि के लिए स्कूल प्रमाणपत्र, जन्म प्रमाणपत्र, आधार, मतदाता पहचान पत्र और मनरेगा जॉब कार्ड को दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा. योजना में निराश्रित कन्या, विधवा महिला की पुत्री, दिव्यांग अभिभावक की बेटी और दिव्यांग कन्या को प्राथमिकता दी जाएगी.
खर्च की विस्तृत व्यवस्था
इस योजना के तहत कन्या के बैंक खाते में 60,000 रुपये डीबीटी के माध्यम से सीधे भेजे जाएंगे. 25,000 रुपये की वैवाहिक सामग्री उपहार स्वरूप दी जाएगी. समारोह आयोजन पर 15,000 रुपये प्रति जोड़ा का खर्च निर्धारित किया गया है. पुजारी और मौलवी को दी जाने वाली दक्षिणा और पारिश्रमिक भी इसी राशि में शामिल किया जाएगा.
भव्य समारोह के लिए विशेष इंतज़ाम
जिलास्तर पर सामूहिक विवाह का आयोजन डीएम की निगरानी में होगा, जिसे समाज कल्याण अधिकारी संचालित करेंगे. यदि किसी समारोह में 100 या उससे अधिक जोड़े विवाह बंधन में बंधते हैं, तो आयोजन के लिए जर्मन हैंगर (उम्दा क्वालिटी का पंडाल) लगाया जाएगा, ताकि आयोजन शानदार, गरिमामय और व्यवस्थित तरीके से हो सके.
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