Benjamin Netanyahu News: प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जो वर्षों से भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों का सामना कर रहे हैं, अब खुद राष्ट्रपति इसहाक हर्ज़ोग से औपचारिक माफी, यानी पार्डन की मांग कर चुके हैं. राष्ट्रपति कार्यालय ने इसे “असाधारण अनुरोध” बताते हुए कहा है कि सभी कानूनी दस्तावेज और राय प्राप्त होने के बाद ही इस पर फैसला किया जाएगा.
2019 में नेतन्याहू पर तीन अलग-अलग मामलों में धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी और विश्वासघात के आरोप लगाए गए थे. दावा है कि उन्होंने व्यापारियों से लगभग 700,000 शेकेल (करीब ₹1.90 करोड़) के महंगे उपहार लिए और इसके बदले सरकारी फायदे दिए. वे इन सभी आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हैं और खुद को निर्दोष कहते रहे हैं. 2020 से चल रहा उनका मुकदमा इज़राइल के इतिहास का पहला ऐसा मामला है, जिसमें एक मौजूदा प्रधानमंत्री अदालत में ट्रायल फेस कर रहा है.
अमेरिकी राजनीति का दबाव, ट्रंप का खुला समर्थन
नेतन्याहू की माफ़ी की मांग घरेलू राजनीति तक सीमित नहीं है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति हर्ज़ोग को एक औपचारिक पत्र भेजकर नेतन्याहू को माफ करने की अपील की है. अक्टूबर में अपने इज़राइल दौरे पर ट्रंप ने क्नेसट (इज़राइली संसद) को संबोधित करते हुए भी यही मांग दोहराई थी. इस अंतरराष्ट्रीय दबाव ने पूरे घटनाक्रम को और जटिल बना दिया है.
ICC का वारंट, नेतन्याहू की बढ़ती कानूनी मुश्किलें
नेतन्याहू पहले से ही अंतरराष्ट्रीय अदालत की निगरानी में हैं. ICC ने नवंबर 2024 में नेतन्याहू और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट पर गाज़ा युद्ध के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों और युद्ध अपराधों के आरोप में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. इससे उनकी कानूनी स्थिति और अधिक संवेदनशील हो गई है और आलोचकों का कहना है कि यही वजह है कि अब वे माफी चाहते हैं.
राष्ट्रपति की संवैधानिक शक्ति और असाधारण परिस्थिति
इज़राइल में राष्ट्रपति का पद आमतौर पर औपचारिक माना जाता है, लेकिन विशेष परिस्थितियों में वह दोषियों को माफ कर सकते हैं. चूंकि नेतन्याहू का ट्रायल अभी चल ही रहा है, इसलिए इस अर्जी को असाधारण स्थिति के रूप में देखा जा रहा है.
उनकी ओर से भेजे गए दो दस्तावेज, एक उनके वकील द्वारा हस्ताक्षरित विस्तृत पत्र और दूसरा स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा साइन किया गया अनुरोध, अब कानूनी समीक्षा के लिए न्याय मंत्रालय और राष्ट्रपति कार्यालय के कानूनी सलाहकारों के पास पहुंच चुके हैं.
एकता की अपील और न्याय प्रक्रिया से शिकायत
नेतन्याहू ने अपने वीडियो संदेश में दावा किया कि यह मुकदमा देश को विभाजित कर रहा है और माफी मिलने से “राष्ट्रीय एकता” बहाल होगी. उन्होंने अदालत में हफ्ते में कई बार पेश होने की बाध्यता को सरकारी कामकाज में भारी बाधा बताया और कहा कि देश को स्थिर नेतृत्व की जरूरत है.
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