1100 KG विस्फोट से रूस और क्रीमिया को जोड़ने वाला ब्रिज उड़ाया... यूक्रेन की सेना ने किया बड़ा दावा

    यूक्रेन की खुफिया एजेंसी SBU ने मंगलवार को दावा किया है कि उसने रूस और क्रीमिया को जोड़ने वाले कर्च ब्रिज (Kerch Bridge) पर एक बार फिर हमला किया है.

    The bridge connecting Russia and Crimea was blown up
    प्रतीकात्मक तस्वीर/Photo- FreePik

    कीव/मॉस्को: यूक्रेन की खुफिया एजेंसी SBU ने मंगलवार को दावा किया है कि उसने रूस और क्रीमिया को जोड़ने वाले कर्च ब्रिज (Kerch Bridge) पर एक बार फिर हमला किया है. हमले में करीब 1100 किलोग्राम उच्च-शक्ति विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया, जिससे पुल का एक खंभा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. यह हमला तीन वर्षों में इस पुल पर तीसरी बार हुआ है.

    यूक्रेनी सुरक्षा सेवा (SBU) ने घटना का वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह हमला लंबे समय से नियोजित था और रणनीतिक उद्देश्य से अंजाम दिया गया. इस पुल के माध्यम से रूस यूक्रेन के दक्षिणी मोर्चों तक सैन्य साजो-सामान पहुंचाता रहा है.

    रूसी प्रतिक्रिया: पुल फिर चालू, हमला विफल

    रूस की ओर से हालांकि इस हमले को कमतर आंकने की कोशिश की गई. रूसी अधिकारियों और स्थानीय मिलिट्री ब्लॉगर्स ने दावा किया कि ब्रिज को कुछ घंटों के लिए बंद किया गया, लेकिन तीन घंटे बाद यातायात सामान्य रूप से बहाल कर दिया गया. रूस ने इस हमले को "साइकोलॉजिकल ऑपरेशन" करार दिया, जिसका उद्देश्य क्रीमिया में दहशत फैलाना और वैश्विक ध्यान खींचना है.

    कर्च ब्रिज: सामरिक और राजनीतिक महत्व

    यह पुल, जिसे 2014 में रूस द्वारा क्रीमिया के अधिग्रहण के बाद बनाया गया था, रूस की ओर से क्रीमिया के साथ स्थायी भौगोलिक और राजनीतिक जुड़ाव का प्रतीक माना जाता है. इसकी कुल लंबाई 19 किलोमीटर है और यह सड़क तथा रेलवे दोनों मार्गों से सुसज्जित है.

    ब्रिज पर पहला हमला अक्टूबर 2022 में हुआ था, जब एक ट्रक विस्फोट में पुल की सड़क आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुई थी. इसके बाद जुलाई 2023 में दूसरा हमला हुआ, जिसमें नौसेना ड्रोन का उपयोग किया गया था.

    हमले के समय पर उठते हैं सवाल

    इस हमले का समय कूटनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है. दो दिन पहले तुर्किये (इस्तांबुल) में रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता का दूसरा दौर संपन्न हुआ था. इस बातचीत में दोनों पक्ष गंभीर रूप से घायल युद्धबंदियों और सैनिकों के शवों की अदला-बदली पर सहमत हुए थे.

    रूसी प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख व्लादिमीर मेंडिस्की ने संवाददाताओं से कहा था, "संवेदनशील मुद्दों पर प्रगति हो रही है. कल का दिन अहम होगा." उसी “अहम दिन” पर यह हमला हुआ.

    यूक्रेनी पक्ष के अनुसार, सैन्य वार्ता और सैन्य दबाव दोनों समानांतर रूप से जारी रहेंगे. रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव ने स्पष्ट किया कि "युद्धबंदियों की वापसी और नागरिकों की रिहाई हमारी प्राथमिकता है, लेकिन सैन्य रणनीति को छोड़ा नहीं जा सकता."

    ड्रोन हमले और साइबेरियाई मोर्चे पर दबाव

    इस हमले से पहले यूक्रेन ने रूस के सुदूर साइबेरियाई क्षेत्रों में लॉन्ग-रेंज ड्रोन से हमला किया था. यह इस युद्ध का भौगोलिक विस्तार दर्शाता है, जहां यूक्रेन अब रूसी आंतरिक इलाकों में भी पहुंच बना रहा है.

    विश्लेषकों के अनुसार, इससे रूस की आंतरिक सुरक्षा संरचनाओं पर दोहरा दबाव बन रहा है, एक ओर पारंपरिक मोर्चा और दूसरी ओर घरेलू बुनियादी ढांचे की सुरक्षा.

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