'टैलेंट, टेम्परामेंट और टेक्नोलॉजी भारत के भविष्य को बदलेगी', YUGM कॉन्क्लेव में बोले पीएम मोदी

    भारत अब सिर्फ तकनीक अपनाने वाला देश नहीं, बल्कि तकनीक निर्धारित करने वाला देश बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है. मंगलवार को भारत मंडपम में आयोजित YUGM कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से भारत के विकास मॉडल की नींव — टैलेंट, टेम्परामेंट और टेक्नोलॉजी — को रेखांकित किया.

    Talent temperament and technology will change Indias future PM Modi said at YUGM Conclave
    पीएम मोदी/Photo- X

    नई दिल्ली: भारत अब सिर्फ तकनीक अपनाने वाला देश नहीं, बल्कि तकनीक निर्धारित करने वाला देश बनने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है. मंगलवार को भारत मंडपम में आयोजित YUGM कॉन्क्लेव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट रूप से भारत के विकास मॉडल की नींव — टैलेंट, टेम्परामेंट और टेक्नोलॉजी — को रेखांकित किया.

    उन्होंने कहा कि भारत को अगले 25 वर्षों में विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), बायोटेक्नोलॉजी और गहन शोध क्षेत्र में निर्णायक नेतृत्व जरूरी है.

    टेक्नोलॉजी में भारत की निर्णायक भूमिका

    प्रधानमंत्री ने कहा, "हमारा उद्देश्य है कि हर भविष्य की तकनीक में भारत एक अग्रणी भूमिका निभाए. हम तकनीक के उपभोक्ता नहीं, उसके निर्माता बनें." उन्होंने यह भी बताया कि भारत में वैश्विक शिक्षा संस्थानों के कैंपस खुलने लगे हैं और अब भारतीय संस्थान भी वैश्विक स्तर पर अपने पांव पसार रहे हैं — यह भारत की बढ़ती वैश्विक स्वीकार्यता का संकेत है.

    AI और इनोवेशन में निवेश

    कॉन्क्लेव में एक मजबूत इनोवेशन इकोसिस्टम विकसित करने की रणनीति पर फोकस किया गया. इसका उद्देश्य सरकार, उद्योग, शिक्षा जगत और रिसर्च संस्थानों के बीच सहयोग को गहरा करना है. इस पहल के तहत लगभग ₹1,400 करोड़ का संयुक्त निवेश किया गया है, जिसमें सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों की भागीदारी है.

    प्रमुख घोषणाएं:

    • IIT कानपुर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटेलिजेंट सिस्टम का सुपरहब बनाया जाएगा.
    • IIT बॉम्बे में बायोसाइंसेज, हेल्थ और बायोटेक्नोलॉजी पर केंद्रित सुपरहब की स्थापना होगी.
    • देश के कई प्रमुख शोध संस्थानों में Wadhwani Innovation Network (WIN) केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो शोध को व्यावसायिक रूप देने में मदद करेंगे.

    रिसर्च से मार्केट तक की यात्रा को गति

    प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि रिसर्च को केवल अकादमिक दायरे में सीमित नहीं रखना चाहिए. उन्होंने कहा, "आज हमें विचार से लेकर प्रोटोटाइप और फिर व्यावसायिक अनुप्रयोग तक की यात्रा को तेज करना होगा." इससे भारत को वैश्विक इनोवेशन हब बनाने में मदद मिलेगी.

    देशभर से उभरते हुए स्टार्टअप्स की झलक

    YUGM कॉन्क्लेव का एक विशेष आकर्षण रहा डीप टेक स्टार्टअप्स की प्रदर्शनी, जहां भारत के युवा इनोवेटर्स ने AI, स्पेस टेक, हेल्थटेक और एनर्जी सॉल्यूशंस जैसे क्षेत्रों में cutting-edge समाधान पेश किए. इस मंच पर नेटवर्किंग और साझेदारी को भी प्रोत्साहित किया गया जिससे विचारों का आदान-प्रदान और सहयोग की संभावनाएं बढ़ें.

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