243 सीटों पर मैदान में 2616 उम्मीदवार, 41% प्रत्याशी पहली बार लड़ रहे... जानें बिहार चुनाव की खास बातें

    बिहार की 18वीं विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव 6 और 11 नवंबर को होंगे. पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों और दूसरे चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान होगा.

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    बिहार की 18वीं विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव 6 और 11 नवंबर को होंगे. पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों और दूसरे चरण में 20 जिलों की 122 सीटों पर मतदान होगा. इस बार कुल 2616 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं, जिनमें लगभग 1085 नए चेहरे यानी करीब 41% उम्मीदवार पहली बार चुनावी समर में उतर रहे हैं.

    इस सूची में राजनीतिक दलों के उम्मीदवार के साथ-साथ छोटे दल और निर्दलीय प्रत्याशी भी शामिल हैं. राजनीतिक दलों ने इस बार नए और लोकप्रिय चेहरों पर दांव लगाया है ताकि युवा और अनुभवी मतदाताओं दोनों को आकर्षित किया जा सके.

    राजनीतिक दलों ने नए चेहरों पर दिया भरोसा

    इस चुनाव में विभिन्न प्रमुख दलों ने अपने उम्मीदवारों के चयन में नए और प्रसिद्ध व्यक्तित्वों को प्राथमिकता दी है.

    • भाजपा (BJP) ने लोकगायिका मैथिली ठाकुर को अलीनगर से,
    • राजद (RJD) ने पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय की पोती डॉ. करिश्मा राय को परसा से और भोजपुरी फिल्म स्टार खेसारी लाल यादव को छपरा से उम्मीदवार बनाया है.

    जदयू (JDU) ने भी नए चेहरों को मौका दिया:

    • पूर्व विधायक राजीव रंजन के बेटे रोहेल रंजन को इस्लामपुर से,
    • जन सुराज ने कर्पूरी ठाकुर की पोती जागृति ठाकुर को मोरवा से,
    • हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट वाई.वी. गिरि को मांझी से,
    • गणितज्ञ के.सी. सिन्हा को कुम्हरार से, और
    • भोजपुरी गायक रितेश पांडेय को करगहर से टिकट दिया.

    अन्य दलों के उम्मीदवारों में शामिल हैं:

    • रालोमा ने उपेन्द्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा को सासाराम से,
    • लोजपा (आर) ने चिराग पासवान के भांजे सीमांत मृणाल को गरखा से,
    • हम ने पूर्व मंत्री अनिल कुमार के भतीजे रोमित कुमार को मैदान में उतारा.

    ये सभी उम्मीदवार पहली बार विधानसभा या लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं और इनमें से कोई भी पहले राज्यसभा या विधान परिषद का सदस्य नहीं रहा है. राजनीतिक दलों ने जीतने की संभावना (विनिबिलिटी) को ध्यान में रखते हुए नए चेहरों पर दांव लगाया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ये अनुभवहीन उम्मीदवार विधानसभा की दहलीज पार कर पाएंगे या नहीं.

    NDA और महागठबंधन: नए उम्मीदवारों का प्रतिशत

    यदि गठबंधनों के स्तर पर देखें:

    एनडीए ने 243 सीटों में से 23% उम्मीदवार यानी 56 प्रत्याशियों को पहली बार चुनाव में उतारा है.

    महागठबंधन ने कुल 255 उम्मीदवारों का टिकट दिया, जिनमें से 37% यानी 92 उम्मीदवार पहली बार चुनावी दौड़ में हैं. महागठबंधन में कुछ सीटों पर फ्रेंडली फाइट भी देखने को मिल रही है.

    अन्य दलों के आंकड़े:

    • जन सुराज ने अपने 243 उम्मीदवारों में से 90% यानी 218 नए चेहरों को मैदान में उतारा है.
    • एआईएमआईएम ने 26 सीटों पर से 18 उम्मीदवारों को पहली बार चुनाव में उतारा, जो कि करीब 69% नए चेहरे हैं.

    इस प्रकार बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार नए और युवा उम्मीदवारों की संख्या पिछले चुनावों की तुलना में काफी अधिक है, जो चुनावी समीकरण को पूरी तरह बदल सकते हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि नए चेहरे जनता के बीच उम्मीद और बदलाव का संदेश देते हैं, लेकिन अनुभव की कमी उन्हें चुनौतियों में डाल सकती है.

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