Shehbaz sharif on Operation Sindoor: भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकियों के ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद इस्लामाबाद में राजनीतिक और सैन्य हलकों में खलबली मच गई है. भारत की इस सैन्य कार्यवाही में 90 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की खबर के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर दबाव बढ़ता जा रहा है. हालात इतने उलझे हुए हैं कि पाकिस्तान की संसद में खुद शहबाज शरीफ के बयान अंतर्विरोधों से भरे नजर आए.
पाक संसद में पीएम शहबाज का उलझा हुआ बयान
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में एक ओर जहां सेना की तारीफों के पुल बांधे, वहीं दूसरी ओर ऐसी बातें कही जो खुद उनके ही पहले के बयानों को काटती नज़र आईं. उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने भारतीय फाइटर जेट्स की संचार प्रणाली को जाम कर दिया और उन्हें लौटने पर मजबूर कर दिया. परंतु इसी बीच यह भी कहा गया कि भारतीय जेट विमानों ने सीमा पार किए बिना ही मिसाइलें दागीं. सवाल यह उठता है कि जब जेट सीमा में घुसे ही नहीं, तो उन्हें वापस लौटाने की जरूरत कैसे पड़ी?
सेना की तारीफ, पर हमलों को रोकने में विफलता
शहबाज शरीफ ने सेना को “पूरी तरह तैयार” बताया, लेकिन फिर यह स्पष्ट नहीं कर पाए कि भारत ने 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले कैसे कर लिए. यह विरोधाभास तब और गहरा हो गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से कहा कि भारत ने “बिना किसी चूक के ऑपरेशन को अंजाम दिया.” इससे संकेत मिलता है कि पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियां या तो तैयार नहीं थीं या ग़लत आकलन का शिकार रहीं.
पाक मीडिया का प्रोपेगेंडा और भ्रामक सूचनाएं
पाकिस्तान के सरकारी चैनलों और सोशल मीडिया पर भारत-विरोधी प्रचार चरम पर है. पुराने वीडियो, संपादित तस्वीरें और मनगढ़ंत दावे पेश किए जा रहे हैं, जिनका मकसद घरेलू असंतोष को दबाना और जनभावनाओं को भड़काना प्रतीत होता है.
सेना के पक्ष में बोलते हुए शहबाज शरीफ जिस जनरल असीम मुनीर की तारीफ कर रहे हैं, उन्हीं की रणनीति को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. विश्लेषकों का मानना है कि आतंकी संगठनों को मिली ढाल और लगातार सीमा पार घुसपैठ की योजनाएं इन्हीं नीतियों का परिणाम हैं.
राजनीतिक भ्रम और सैन्य विफलता का खुलासा
शहबाज शरीफ के संसद में दिए गए बयानों से एक बात तो साफ है—पाकिस्तान की सरकार और सेना एकमत नहीं हैं. एक ओर सेना की तरफ से जवाबी कार्रवाई के दावे किए जा रहे हैं, दूसरी ओर प्रधानमंत्री स्वयं ही उन दावों पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं.
यह स्थिति यह भी दर्शाती है कि पाकिस्तान अंदरूनी तौर पर कितना असमंजस में है और भारत द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई ने उसे रणनीतिक, राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक रूप से झकझोर कर रख दिया है.
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