वॉशिंगटन: वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सांसद डॉ. शशि थरूर ने अमेरिका में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि जब राष्ट्रीय हित की बात आती है, तो सभी राजनीतिक मतभेद पीछे छूट जाते हैं. भारत की ओर से "ऑपरेशन सिंदूर" पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जानकारी देने गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में, थरूर ने कहा कि “सीमा पार हम केवल भारतीय होते हैं” और राष्ट्रहित में कार्य करना किसी भी तरह से पार्टी विरोध नहीं हो सकता.
थरूर का स्पष्ट संदेश- देशहित सर्वोपरि
शशि थरूर से जब यह पूछा गया कि क्या वह पार्टी लाइन से हटकर सरकार के साथ खड़े हैं, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा, "जो लोग राष्ट्रहित में काम को पार्टी विरोधी मानते हैं, उन्हें खुद से सवाल करना चाहिए. जब बात देश की सेवा की हो, तो ऐसी चीजों की ज्यादा परवाह नहीं होनी चाहिए."
यह बयान तब आया जब सोशल मीडिया पर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने उनके डेलीगेशन नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े किए. कांग्रेस नेता उदित राज ने उन्हें भाजपा का "सुपर प्रवक्ता" तक कहा, लेकिन थरूर ने इन आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए राष्ट्रहित को प्राथमिकता दी.
भारत को किसी की सलाह की जरूरत नहीं
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने कहा कि भारत एक जिम्मेदार और आत्मनिर्भर राष्ट्र है जिसे बाहरी सलाह की आवश्यकता नहीं है.
थरूर ने कहा, "हमने पहले दिन ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर पाकिस्तान हमला करेगा तो हम सख्त जवाब देंगे, और अगर वह रुकेगा, तो हम भी रुक जाएंगे."
यह बयान भारत की स्पष्ट और संतुलित विदेश नीति को दर्शाता है, जो संप्रभुता और आत्मनिर्भर निर्णयों पर आधारित है.
ऑपरेशन सिंदूर पर अंतरराष्ट्रीय संवाद
शशि थरूर उन सात प्रतिनिधिमंडलों में शामिल हैं जिन्हें केंद्र सरकार ने हालिया ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का पक्ष रखने के लिए भेजा है.
इस डेलीगेशन में विभिन्न दलों के सांसद शामिल हैं- भाजपा, कांग्रेस, शिवसेना, JMM, TDP और LJP से जो अमेरिका, ब्राजील, गुयाना, पनामा और कोलंबिया जैसे देशों में भारत की सुरक्षा चिंताओं और कार्रवाई का प्रस्तुतीकरण कर रहे हैं.
थरूर ने X पर अपने संदेश में लिखा, "जब राष्ट्रीय हित की बात होगी और मेरी सेवाओं की आवश्यकता होगी, तो मैं हमेशा आगे रहूंगा. भारत सरकार द्वारा मुझे यह जिम्मेदारी सौंपे जाने पर मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूं."
कांग्रेस की आपत्ति और सियासी हलचल
कांग्रेस पार्टी ने इस डेलीगेशन में शशि थरूर की नियुक्ति पर प्रारंभिक आपत्ति जताई थी. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्र ने उनसे चार नाम मांगे थे और उन्होंने आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और राजा बरार के नाम दिए थे. इसके बावजूद केंद्र ने थरूर को प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया.
हालांकि कांग्रेस की आधिकारिक प्रतिक्रिया असहज रही, लेकिन थरूर ने विवाद को तूल न देते हुए केवल अपने कर्तव्य पर ध्यान केंद्रित किया.
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