Russia-Ukraine War: रूस ने एक बार फिर यूक्रेन पर सख्त हमले की कार्रवाई की है. इस बार रूसी सेना ने ज़ेलेंस्की के समर्थक मिलिटेंट कैंप को निशाना बनाते हुए ‘इस्कंदर’ बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया, जिससे 200 से अधिक लोगों की मौत का दावा किया गया है. यह हमला यूक्रेनी क्षेत्र होंचारिवस्के में हुआ, जहां रूस के मुताबिक, रणनीतिक ठिकानों को नष्ट करने के लिए क्लस्टर बमों और उच्च विस्फोटक वॉरहेड्स का इस्तेमाल किया गया.
रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसने यूक्रेन के होंचारिवस्के क्षेत्र में स्थित एक मिलिटेंट कैंप पर सटीक और योजनाबद्ध हमला किया है. मंत्रालय के अनुसार, रूस की सेना ने इस्कंदर मिसाइलों का इस्तेमाल किया, और यह हमला विशेष रूप से यूक्रेनी सशस्त्र बलों के पीछे के ठिकानों और सामरिक जमावड़ों को नष्ट करने के उद्देश्य से किया गया. हालांकि, यूक्रेन की ओर से इस हमले की पुष्टि नहीं की गई है.
क्लस्टर बम और उच्च विस्फोटक वॉरहेड्स का इस्तेमाल
रूस के इस हमले में क्लस्टर बमों और हाई-एक्सप्लोसिव वॉरहेड्स का इस्तेमाल किया गया, जिससे क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ. इस हमले को प्रेसिजन स्ट्राइक बताया गया है, और रूसी रक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह हमले का उद्देश्य यूक्रेन की सैन्य शक्ति को कमजोर करना था.
यूक्रेन पर रूस के ड्रोन हमले
रूस के हमलों ने यूक्रेन को फिर से हिला दिया है. यूक्रेनी वायु सेना ने जानकारी दी कि मंगलवार रात रूस ने 78 ड्रोन हमले किए, जिनमें कुछ नए जेट-पावर्ड ड्रोन भी शामिल थे. इन हमलों में कम से कम 5 नागरिक घायल हुए हैं. यूएन के आंकड़ों के अनुसार, रूस के हमलों में 2025 के पहले छह महीनों में 6,754 नागरिक हताहत हुए हैं, जो पिछले साल की तुलना में 54% ज्यादा है. कुल मिलाकर, रूस के हमले 2022 से अब तक 13,580 यूक्रेनी नागरिकों की जान ले चुके हैं, जिसमें 716 बच्चे भी शामिल हैं.
अमेरिका का रूस को अल्टीमेटम
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को 8 अगस्त तक शांति वार्ता में ठोस प्रगति करने का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर रूस ने शांति प्रक्रिया में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया, तो अमेरिका कड़े प्रतिबंध और टैरिफ लगा सकता है. ट्रंप और अन्य पश्चिमी देशों का आरोप है कि पुतिन जानबूझकर वार्ता को टाल रहे हैं ताकि वह युद्ध के माध्यम से अधिक यूक्रेनी क्षेत्र पर कब्जा कर सकें.
यूक्रेन की सेना में कमी, नए कानून की शुरुआत
यूक्रेन की सेना को भारी मानव संसाधन की कमी का सामना करना पड़ रहा है. यूक्रेन के पास लगभग 10 लाख सैन्यकर्मी हैं, लेकिन फ्रंटलाइन यूनिट्स में AWOL (ड्यूटी से गैरहाजिर) जैसी समस्याएं सेना के मनोबल को कमजोर कर रही हैं. इस संकट को दूर करने के लिए राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने एक नया कानून साइन किया है, जिसके तहत 60 साल से अधिक उम्र के पुरुषों को सेना में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर भर्ती किया जाएगा. इसके अलावा, फरवरी में यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय ने 18-24 वर्ष के युवाओं के लिए नई वेतन और प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की हैं.
मिलिट्री बेस पर लगातार हमले
रूस के हमले यूक्रेनी सैन्य ठिकानों पर लगातार बढ़ते जा रहे हैं. पिछले पांच महीनों में यूक्रेनी मिलिट्री बेस पर तीन बड़े हमले हो चुके हैं, जिनमें 46 जवान मारे गए और 160 से अधिक घायल हुए. पिछले साल सितंबर में रूस ने एक मिलिट्री एकेडमी और अस्पताल पर भी हमला किया था, जिसमें 50 से अधिक लोग मारे गए थे.
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