9K720 Iskander रूस की एक आधुनिक सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली है, जिसे 2006 में सेना में शामिल किया गया था. इसका सबसे उन्नत संस्करण इस्कंदर-एम है, जो पारंपरिक और परमाणु दोनों प्रकार के हथियार ले जाने में सक्षम है. यह ज़मीन से ज़मीन तक मार करने वाली मिसाइल है और मुख्य रूप से सैन्य ठिकानों, रडार स्टेशनों, और कमांड सेंटर्स को तबाह करने के लिए बनाई गई है.
मुख्य विशेषताएँ:
पैट्रियट डिफेंस सिस्टम को चुनौती
यूक्रेन युद्ध के दौरान रूस ने दावा किया कि इस्कंदर मिसाइलों ने अमेरिकी MIM-104 Patriot वायु रक्षा प्रणाली को भ्रमित कर उसके बचाव कवच को भेद दिया. यूक्रेनी वायुसेना के प्रवक्ता ने भी स्वीकार किया कि इस्कंदर-एम की उन्नत तकनीकें, जैसे कि डिकॉय और अप्रत्याशित उड़ान पथ, पैट्रियट सिस्टम के लिए बड़ी चुनौती हैं. इस्कंदर की हाइपरसोनिक गति और चतुराई भरे युद्धाभ्यास उसे रोकना बेहद कठिन बना देते हैं.
ब्रह्मोस बनाम इस्कंदर: दो शक्तिशाली मिसाइल प्रणालियों की तुलना
भारत का ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसे भारत और रूस की साझेदारी में विकसित किया गया है. जबकि इस्कंदर एक सामरिक बैलिस्टिक मिसाइल है. दोनों में अंतर को निम्न बिंदुओं से समझा जा सकता है:
विशेषता ब्रह्मोस इस्कंदर
गति 2.8-3.0 मैक (सुपरसोनिक) 6-7 मैक (हाइपरसोनिक)
रेंज 290-800 किमी (ER वर्जन तक) 50-500 किमी
प्रक्षेपवक्र सीधा या समुद्र-स्किमिंग क्वासी-बैलिस्टिक, युद्धाभ्यास के साथ
लक्ष्य समुद्री और ज़मीनी लक्ष्य सैन्य ठिकाने, डिफेंस सिस्टम
रडार से बचाव कम RCS और स्टील्थ तकनीक डिकॉय और जटिल उड़ान मार्ग
लॉन्च प्लेटफॉर्म भूमि, वायु, समुद्र और पनडुब्बी मोबाइल लॉन्चर (जमीनी प्लेटफॉर्म)
युद्धक्षेत्र में इनकी भूमिका
हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान ब्रह्मोस ने पाकिस्तान की HQ-9B वायु रक्षा प्रणाली को भेदकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया. दूसरी ओर, इस्कंदर ने यूक्रेन में पैट्रियट सिस्टम को निशाना बनाकर पश्चिमी तकनीक की कमजोरियों को उजागर किया. हालांकि, इस्कंदर की सफलता को लेकर अलग-अलग दावे हैं और इसकी पुष्टि अभी भी बहस का विषय है.
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