ऑपरेशन सिंदूर: पहला डेलिगेशन विदेश रवाना, दूसरा रात 9 बजे जाएगा — अब पाकिस्तान का हर झूठ होगा बेनकाब

    भारत अब सिर्फ सीमा पर नहीं, कूटनीति की ज़मीन पर भी पाकिस्तान को बेनकाब करने निकला है.

    Operation Sindoor First delegation leaves for foreign country Pakistan will be exposed
    ऑपरेशन सिंदूर

    नई दिल्लीः भारत अब सिर्फ सीमा पर नहीं, कूटनीति की ज़मीन पर भी पाकिस्तान को बेनकाब करने निकला है. ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत के 59 सांसदों को 33 देशों में भेजा जा रहा है. इनका मिशन है: दुनिया को सच बताना और झूठ का पर्दाफाश करना.

    इन सांसदों को 7 अलग-अलग डेलिगेशन में बांटा गया है. उनके साथ 8 पूर्व राजनयिक भी शामिल हैं. आज दो डेलिगेशन विदेश रवाना हो रहे हैं —

    • पहला: JDU सांसद संजय झा के नेतृत्व में
    • दूसरा: शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में

    विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने सांसदों को मिशन ब्रीफ किया — दुनिया को देने हैं ये 5 कड़े संदेश:

    1. आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस

    ऑपरेशन सिंदूर आतंकी संगठनों और उनके ढांचों के खिलाफ एक सटीक सैन्य अभियान था. इसमें न केवल आतंकियों को निशाना बनाया गया, बल्कि यह संदेश भी दिया गया कि भारत अब माफ नहीं करता.

    प्रजेंटेशन में शामिल बिंदु:

    • आतंकवादी संगठन TRF को पाकिस्तान का संरक्षण प्राप्त है.
    • भारत ने केवल आतंकी अड्डों को ही निशाना बनाया.
    • ऑपरेशन में नागरिकों को नुकसान न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया.

    2. पाकिस्तान — आतंकवाद का संरक्षक

    भारत के सांसद अपने साथ ठोस दस्तावेज और सबूत लेकर गए हैं, जिससे यह साफ हो जाएगा कि पाकिस्तान सिर्फ आतंक का अड्डा नहीं, बल्कि उसका प्रायोजक भी है.

    प्रजेंटेशन के प्रमुख बिंदु:

    • TRF का कनेक्शन ISI से.
    • पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों की मिलीभगत.
    • हमलों में इस्तेमाल हुए हथियारों और मैप्स की पाकिस्तानी पहचान.

    3. भारत — संयमित लेकिन निर्णायक

    भारत ने पाकिस्तान के आग्रह पर संघर्ष विराम किया — यह दिखाता है कि हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन सहते भी नहीं.

    सांसदों द्वारा दिखाए जाने वाले पॉइंट्स:

    • ऑपरेशन में कोई निर्दोष नागरिक नहीं मारा गया.
    • सीमित और लक्षित स्ट्राइक से सैन्य अनुशासन का पालन किया गया.
    • भारत ने नैतिक और अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान बनाए रखा.

    4. आतंक के खिलाफ विश्व एकजुट हो

    सांसद उन देशों से मांग करेंगे कि आतंक के खिलाफ खुलेआम समर्थन दें और भारत की तरह कड़े कदम उठाएं.

    इन बातों पर होगा ज़ोर:

    • आतंक को सिर्फ भारत-पाक का मुद्दा न मानें.
    • हर देश को आतंक के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद करनी होगी.
    • पाकिस्तान को ग्लोबल मंचों पर एक्सपोज करें.

    5. भारत की नई नीति — अब हम पहले मारेंगे

    अब भारत का नजरिया रिएक्टिव नहीं, प्रो-एक्टिव होगा. आतंक के खिलाफ पहले वार, पहले कार्रवाई और पहले दबाव की नीति अपनाई जाएगी.

    • आतंक की साजिश को सीमा पार ही कुचलने की नीति.
    • सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, अब पूर्व-क्रियात्मक स्ट्रैटजी.
    • जो भारत की ओर बंदूक उठाएगा, उसे पहले ही निष्क्रिय किया जाएगा.

    ये भी पढ़ेंः मगरमच्छों को खिलाता था लाशें, 50 हत्याओं के बाद गिनती याद नहीं... कैसे पकड़ा गया डॉक्टर डेथ?