यमन की जेल से निमिषा प्रिया की होगी रिहाई, ईसाई प्रचारक पॉल का दावा, PM Modi का जताया आभार

    Nimisha Priya Case Update: करीब आठ साल से यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की रिहाई की उम्मीद अब सच होती दिखाई दे रही है. लंबे संघर्ष और कूटनीतिक प्रयासों के बाद अब एक नई रोशनी की किरण सामने आई है.

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    Nimisha Priya Case Update: करीब आठ साल से यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की रिहाई की उम्मीद अब सच होती दिखाई दे रही है. लंबे संघर्ष और कूटनीतिक प्रयासों के बाद अब एक नई रोशनी की किरण सामने आई है. ईसाई धर्म प्रचारक और ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक डॉ. केए पॉल ने एक वीडियो संदेश में दावा किया है कि यमन सरकार ने निमिषा की मौत की सजा को रद्द कर दिया है और उन्हें जल्द ही रिहा किया जाएगा.

    केए पॉल ने जताया आभार, पीएम मोदी को कहा धन्यवाद

    डॉ. केए पॉल ने अपने वीडियो संदेश में यमन के नेताओं की प्रशंसा करते हुए कहा, "पिछले 10 दिनों से यमन में नेताओं ने दिन-रात इस केस को सुलझाने के लिए मेहनत की है. उनके प्रयासों और भगवान के आशीर्वाद से निमिषा को जल्द आज़ादी मिलेगी." उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सरकार इस काम में पूरी सक्रियता से लगी हुई है और निमिषा को लाने के लिए राजनयिकों को यमन भेज रही है.

    कौन हैं निमिषा प्रिया और क्यों हुई थीं कैद?

    केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली निमिषा प्रिया साल 2008 में एक नर्स के रूप में काम करने यमन गई थीं. उन्होंने वहां मेडिकल फील्ड में अनुभव लेने के बाद एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी के साथ मिलकर साल 2015 में एक क्लिनिक शुरू किया था. लेकिन साल 2017 में मामला उलट गया जब महदी का शव एक वॉटर टैंक में मिला और हत्या का आरोप निमिषा पर लगा. कहा गया कि उन्होंने महदी को नींद की गोली की ओवरडोज़ दी और शव को छिपाने की कोशिश की. एक महीने बाद उन्हें यमन-सऊदी सीमा से गिरफ्तार कर लिया गया.

    निमिषा के वकील का कहना है कि वह आत्मरक्षा में ऐसा कदम उठाने को मजबूर हुईं क्योंकि महदी उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करता था, यहां तक कि उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया था. हालांकि, मृतक के परिवार ने इन आरोपों को खारिज किया.

    2020 में सुनाई गई थी मौत की सजा

    2020 में यमन की सना कोर्ट ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई थी, जिसे 2023 में यमन के सर्वोच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा था. फिलहाल, वह सना जेल में बंद हैं. लेकिन अब जब डॉ. केए पॉल ने सजा रद्द होने की बात कही है, तो पूरा देश उनकी वापसी की राह देख रहा है.

    एक माँ, एक बेटी, और एक अधूरी कहानी

    निमिषा की एक बेटी भी है, जो इस समय केरल में अपने परिवार के साथ रह रही है. एक माँ का अपनी बेटी से इतने सालों का बिछड़ाव अब शायद खत्म हो सकेगा. यह खबर उनके परिवार के लिए एक नई सुबह की तरह है, आशा, राहत और न्याय की.

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