नई दिल्ली: दिल्ली में हाल ही में हुए टेरर अटैक की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं और जांच एजेंसियां अब आतंकियों के नेटवर्क को पूरी तरह से नष्ट करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार बम ब्लास्ट में एक और महत्वपूर्ण कड़ी को NIA ने पकड़ लिया है. यह गिरफ्तारी इस बात का संकेत है कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई पूरी ताकत से चल रही है. इस बार, NIA ने 9वें आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिससे यह भी साफ हो गया है कि एजेंसियां इस आतंकी साजिश के पूरे नेटवर्क तक पहुंचने में सफल हो रही हैं.
NIA ने 9वें आरोपी यासिर अहमद डार को दबोचा
दिल्ली में हुए कार बम ब्लास्ट की साजिश में शामिल एक और आरोपी यासिर अहमद डार को NIA ने पकड़ लिया है. यासिर जम्मू-कश्मीर के शोपियां का रहने वाला है और उसे नई दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है. यह गिरफ्तारी NIA की तगड़ी जांच का हिस्सा है, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि यासिर का सक्रिय योगदान था इस आतंकी हमले की साजिश में. यासिर को UAPA और BNS की संबंधित धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है.
यासिर की आत्मघाती ऑपरेशन की योजना
जांच में यह भी सामने आया कि यासिर अहमद डार ने आत्मघाती ऑपरेशन को अंजाम देने की शपथ भी ली थी. वह मारा गया आतंकी उमर-उन-नबी के संपर्क में था, जो दिल्ली में हुए इस हमले का हिस्सा था. इसके अलावा, यासिर के अन्य आतंकियों से लगातार संपर्क में रहने की जानकारी भी सामने आई है. NIA की जांच में यह भी पाया गया कि वह इस साजिश के मुख्य सरगना के साथ मिलकर काम कर रहा था, ताकि दिल्ली में आतंक फैलाया जा सके.
NIA की सख्त कार्रवाई और अन्य गिरफ्तारियां
NIA और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की सक्रियता से इस साजिश का पर्दाफाश हुआ है. NIA ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश में कई संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे थे, जहां से कई डिजिटल डिवाइस और अन्य आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई थी. इसके अलावा, हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी परिसर में भी मुख्य आरोपियों के ठिकानों पर कार्रवाई की गई थी. NIA का यह अभियान दिखा रहा है कि देश की सुरक्षा के लिए वे पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.
केंद्रीय और राज्य एजेंसियों की मिली-जुली कार्रवाई
इस मामले में NIA के अलावा, केंद्र और राज्य की अलग-अलग एजेंसियां भी मिलकर कार्रवाई कर रही हैं. इन सभी एजेंसियों ने इस आतंकी साजिश के सभी पहलुओं को उजागर करने के लिए संयुक्त रूप से काम किया है. इस पूरी जांच का उद्देश्य केवल आरोपी पकड़ना नहीं, बल्कि आतंकवाद के नेटवर्क को पूरी तरह से खत्म करना है, ताकि भविष्य में ऐसे खतरनाक हमले रोके जा सकें.
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