तीन फीट के दूल्हे ने ढाई फीट की दूल्हन संग लिए सात फेरे, सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तस्वीरें, लोग बोले - रब ने बना दी जोड़ी..

    मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत गुरुवार को हुए भव्य विवाह समारोह में सैकड़ों जोड़ों ने सात फेरे लिए, लेकिन इनमें से एक जोड़ी ऐसी थी, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया. 3 फीट के दूल्हा जितेंद्र पटेल और ढाई फीट की दुल्हन हीरामणि पटेल की विवाह ने सबको आकर्षित किया.

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    Image Source: Social Media

    Kaushambi Viral Couple: साथ जन्मों का बंधन जब दिल से जुड़ता है, तो ऊंचाई नहीं, समझदारी और अपनापन मायने रखता है." यूपी के कौशांबी जिले में ऐसा ही एक सच्चा उदाहरण देखने को मिला, जिसने न सिर्फ सबको भावुक कर दिया, बल्कि समाज को एक नई सोच भी दी. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत गुरुवार को हुए भव्य विवाह समारोह में सैकड़ों जोड़ों ने सात फेरे लिए, लेकिन इनमें से एक जोड़ी ऐसी थी, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया. 3 फीट के दूल्हा जितेंद्र पटेल और ढाई फीट की दुल्हन हीरामणि पटेल की विवाह ने सबको आकर्षित किया.

    एक अनोखी जोड़ी, जो बनी सबके लिए प्रेरणा

    भरवारी स्थित भवंस मेहता महाविद्यालय परिसर में इस विवाह कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें कुल 321 जोड़ों ने रजिस्ट्रेशन कराया और 300 जोड़ियों की शादी सफलतापूर्वक संपन्न कराई गई. चार जोड़ियां अल्पसंख्यक समुदाय से थीं. लेकिन इस भीड़ में एक जोड़ी थी, जो सबकी मुस्कुराहट की वजह बन गई — जितेंद्र और हीरामणि. जब दोनों मंच पर पहुंचे, तो तालियों की गूंज से माहौल गूंज उठा. यह शादी सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि एक भावनात्मक पल बन गई.

    मुंबई से आया दूल्हा, कौशांबी में रची शादी

    जितेंद्र पटेल मुंबई में फल व्यवसाय करते हैं. जब उनकी शादी की बात पक्की हुई, तो उन्होंने फ्लाइट से लखनऊ का सफर तय किया और वहां से कौशांबी पहुंचकर जीवन की नई शुरुआत की. वहीं दुल्हन हीरामणि, कौशांबी के भरवारी नगर पालिका क्षेत्र की रहने वाली हैं. उनका आत्मविश्वास और चेहरे की मुस्कान बताती थी कि यह रिश्ता सिर्फ ज़रूरत नहीं, बल्कि समझदारी और सम्मान से जुड़ा है.

    कैसे जुड़ा ये रिश्ता?

    जितेंद्र के बड़े भाई राजेंद्र पटेल ने बताया कि दोनों भाई मुंबई में फल बेचते हैं. एक बार एक व्यापारी से बात के दौरान उन्होंने छोटी हाइट वाली लड़की की बात की. उसी व्यापारी ने हीरामणि का ज़िक्र किया. बात आगे बढ़ी, दोनों परिवार मिले, और रिश्ते को हां कर दी गई. चूंकि लड़की पक्ष के पास साधनों की कमी थी, इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शादी कराने का सुझाव दिया, जिसे दोनों परिवारों ने सहर्ष स्वीकार किया.

    सरकार की ओर से मिला सहयोग और सम्मान

    कार्यक्रम में शामिल सभी नवविवाहित जोड़ों को शासन की ओर से दहेज सामग्री और आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई. लेकिन जितेंद्र और हीरामणि की शादी ने इस आयोजन को एक नई ऊंचाई दे दी. यह शादी इस बात का सबूत बन गई कि प्यार, समझ और अपनापन ही असली रिश्ते की नींव होते हैं. इस जोड़ी ने एक ऐसा संदेश दिया जो शब्दों से परे है "भगवान सच में जोड़ियां ऊपर से बनाता है." जब वो जोड़ियां ज़मीन पर उतरती हैं, तो समाज उन्हें देख कर मुस्कुराता है, और कुछ नया सोचता है.

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