रातों रात बदली किस्मत! सोने से पहले Dream 11 में लगाए 39 रुपये, सुबह उठा तो बना 4 करोड़ का मालिक

    कहते हैं किस्मत कब बदल जाए, कोई नहीं जानता. यूपी के कौशांबी जिले के मंगल सरोज की कहानी इसका ताज़ा उदाहरण है. हर रोज़ की तरह मंगल सरोज ने 29 अप्रैल की रात को भी कुछ खास नहीं सोचा था. दिनभर की थकान के बाद, सिरहाने रखे मोबाइल में 39 रुपये की टीम लगाई और सो गया. लेकिन जब सुबह आंख खुली, तो दुनिया ही बदल चुकी थी. ऐसा इसलिए क्योंकि जो हाथ कल तक मेहनत की मजदूरी करते थे, वो अब करोड़ों के मालिक बन चुके थे.

    kaushambi mangal saroj Dream11 4 crore winner
    प्रतीकात्मक तस्वीर | Photo: Internet

    कहते हैं किस्मत कब बदल जाए, कोई नहीं जानता. यूपी के कौशांबी जिले के मंगल सरोज की कहानी इसका ताज़ा उदाहरण है. हर रोज़ की तरह मंगल सरोज ने 29 अप्रैल की रात को भी कुछ खास नहीं सोचा था. दिनभर की थकान के बाद, सिरहाने रखे मोबाइल में 39 रुपये की टीम लगाई और सो गया. लेकिन जब सुबह आंख खुली, तो दुनिया ही बदल चुकी थी. ऐसा इसलिए क्योंकि जो हाथ कल तक मेहनत की मजदूरी करते थे, वो अब करोड़ों के मालिक बन चुके थे.

    39 रुपये लगाए और 4 करोड़ जीते

    उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के छोटे से गांव घासी राम का पुरवा में रहने वाले मंगल सरोज की ये कहानी किसी फिल्म से कम नहीं लगती. 5वीं कक्षा तक पढ़े मंगल, जो हापुड़ में प्लाई बोर्ड का काम कर अपने परिवार का पेट पालते थे, आज Dream11 के जरिये 4 करोड़ रुपये जीत चुके हैं. 29 अप्रैल को आईपीएल मैच में पंजाब और चेन्नई आमने-सामने थे. मंगल ने 39 रुपये में अपनी Dream11 टीम बनाई और रात को सो गया. सुबह मोबाइल पर जब जीत का मैसेज देखा, तो पहले यकीन नहीं हुआ. मगर जैसे ही हकीकत सामने आई, मंगल के चेहरे पर वो खुशी थी, जो शब्दों में नहीं, आंखों में दिखती है.

    मजूदरी कर परिवार का पेट पालता है मंगल

    मंगल की कहानी किसी आलीशान जिंदगी से नहीं, बल्कि एक छप्पर वाले घर से शुरू होती है. पिता सुखलाल सरोज दूसरों की जमीन पर खेती करते हैं, जहां फसल की एक तिहाई हिस्सेदारी देनी होती है. मंगल की शादी 2017 में हुई और अब उसके दो बच्चे हैं. परिवार की ज़िम्मेदारी उठाने के लिए वह घर से दूर रहकर मजदूरी करता था. 

    अब स्थितियां बदल चुकी हैं. गांव में बधाइयों का तांता लगा है, मोबाइल की घंटियां रुकने का नाम नहीं ले रहीं, और छप्पर वाले घर में भी उम्मीदों की छत बनती दिख रही है. मंगल का सपना है कि अपने बच्चों को बेहतर स्कूल में पढ़ाए, पिता को खेती से मुक्ति दिलाए, और एक छोटा सा कारोबार शुरू करे जिससे उसका कल सुरक्षित हो.

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